पटना
बिहार की राजनीति में एक बार फिर ‘वोट चोरी’ को लेकर विवाद गहराता नजर आ रहा है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। इस वीडियो में मांझी को विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से पीछे चल रहे एक उम्मीदवार की “मदद” करने की बात कहते हुए सुना जा रहा है।
बताया जा रहा है कि यह वीडियो मांझी के लोकसभा क्षेत्र गया का है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार झेल चुके विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद)–कांग्रेस गठबंधन ने इस वीडियो को साझा करते हुए इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) द्वारा की गई कथित “वोट चोरी” का सबूत बताया है।
हालांकि, मांझी ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है।
वीडियो में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी टिकारी विधानसभा क्षेत्र से जुड़ी एक घटना का उल्लेख करते नजर आते हैं। टिकारी सीट पर उनकी पार्टी के उम्मीदवार अनिल कुमार ने 2020 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी, लेकिन पिछले महीने हुए चुनाव में उन्हें राजद के उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा।
मगही बोली में रिकॉर्ड इस वीडियो में मांझी कहते सुनाई देते हैं, “2020 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार 2,700 वोट से पीछे था। उसने मुझे फोन किया, फिर मैंने संबंधित अधिकारी से बात की। अंततः उसे विजेता घोषित कर दिया गया।”
हालांकि, ‘पीटीआई-भाषा’ इस वीडियो की प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है।
वीडियो में आगे मांझी कहते हैं, “इस बार उम्मीदवार 1,600 वोट से हार गया। लेकिन उसने मुझसे संपर्क नहीं किया और हार स्वीकार कर ली। गया के तत्कालीन जिलाधिकारी, जो अब त्रिपुरा में पदस्थापित हैं, ने मुझसे फोन पर पूछा कि इस बार क्या गड़बड़ी हुई। जब उम्मीदवार बिना बात किए घर लौट गया, तो मैं कुछ नहीं कर सका।”
हालिया चुनाव में राजद ने टिकारी सीट जरूर जीत ली, लेकिन पार्टी का प्रदर्शन कुल मिलाकर कमजोर रहा और वह पांच साल पहले की 75 सीटों के मुकाबले इस बार सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गई। राजद ने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर वीडियो साझा करते हुए इसे “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कृत्रिम लोकप्रियता की सच्चाई” बताया।
राजद ने आरोप लगाया कि हालिया चुनाव में निर्वाचन आयोग की मदद से प्रधानमंत्री मोदी ने “युवा और क्रांतिकारी नेता तेजस्वी यादव की राजनीतिक हत्या करने का असफल प्रयास” किया।
बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता आसित नाथ तिवारी ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “संसद में वोट चोरी के आरोपों पर केंद्रीय गृहमंत्री बेहद आक्रामक दिखे थे। अब उनके ही मंत्रिमंडल के एक सहयोगी की कथित स्वीकारोक्ति से यह साफ होता है कि यह वोट चोरी नहीं, बल्कि वोट डकैती है।”
विवाद बढ़ने पर मांझी ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर जवाब देते हुए कहा, “मेरा वीडियो तोड़-मरोड़ कर सोशल मीडिया पर डाला गया है। कुछ लोग सोचते हैं कि वे एक मुसहर, यानी महादलित समुदाय के बेटे को बदनाम कर सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मांझी अब एक ब्रांड है और किसी से डरने वाला नहीं है।”
इस बीच, बिहार के मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “मैंने पूरा, बिना संपादन वाला वीडियो देखा है। मांझी 2020 में मतगणना के दौरान कई घंटों तक गिनती रुके रहने की बात कर रहे थे, जब उनके उम्मीदवार अंतिम से एक राउंड पहले मामूली अंतर से पीछे थे। मतगणना पूरी होने के बाद उम्मीदवार को विजेता घोषित किया गया था।”