बेलगावी
कर्नाटक सरकार राज्यभर के बौद्ध विहारों में सेवा कर रहे भिक्षुओं को मासिक मानदेय प्रदान करने पर विचार कर रही है। यह जानकारी परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने विधान परिषद में दी। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर संबंधित मंत्री और अधिकारियों से चर्चा की जा चुकी है और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि राज्य का अल्पसंख्यक कल्याण विभाग पहले से ही जैन मंदिरों में सेवा करने वाले संतों और वक्फ-पंजीकृत मस्जिदों के इमाम व मुअज्जिनों को मासिक मानदेय प्रदान करता है। अब इसी तर्ज पर बौद्ध भिक्षुओं के लिए भी एक समान सुविधा देने पर विचार किया जा रहा है।
विधान परिषद के सदस्य शिवकुमार के. ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि राज्य में लगभग 80 बौद्ध विहार हैं, जिनमें से अधिकांश बिना किसी सरकारी अनुदान के संचालित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में लगभग 200 बौद्ध भिक्षु सेवा में हैं। शिवकुमार ने सरकार से आग्रह किया कि भिक्षुओं को 6,000 रुपये और उनके सहायकों को 5,000 रुपये का मासिक मानदेय प्रदान किया जाए।
इस कदम से न केवल बौद्ध भिक्षुओं का आर्थिक संबल मिलेगा, बल्कि विहारों और उनके धार्मिक व सामाजिक कार्यों को भी मजबूती मिलेगी। सरकार इस विषय पर जल्द ही अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया में है।
इस पहल को कर्नाटक में धार्मिक और सामाजिक समानता बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिससे सभी धर्मों के धार्मिक संस्थानों के सेवा करने वालों को उचित समर्थन सुनिश्चित हो सके।






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