देश के चर्चित इमाम बोले-मुसलमानों में सकारात्मक बदलाव की जरूरत

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 13-06-2022
देश के चर्चित इमाम बोले-मुसलमानों में सकारात्मक बदलाव की जरूरत
देश के चर्चित इमाम बोले-मुसलमानों में सकारात्मक बदलाव की जरूरत

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन इलाके में इमामों के एक गुट की बैठक में मुसलमानों को जागरूक करने और समाज में सकारात्मक बदलाव के प्रयासों पर चर्चा हुई .इस मौके पर देश के अनेक राज्यों के इमाम शामिल हुए. कार्यक्रम का आयोजन ऑल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम और मुस्लिम स्टूडेंट्स आर्गेनाईजेशन ऑफ इंडिया के संयुक्त प्रयासों से किया गया.

इस मौके पर आल इंडिया तंजीम उलेमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ्ती अशफाक हुसैन कादरी ने कहा कि वर्तमान समय और हालात को देखते हुए मुस्लिम समाज में जागरूकता लाने की जरूरी है. समाज में सकारात्मक बदलाव तभी संभव है, जब इमाम अपने खुतबा में समाज की बुराईयों और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखें.

उन्होंने कहा कि जिस दिन सभी इमाम मुस्लिम मसले- मसाइल का हल कुरान, हदीस और सुन्नत की रोशनी में बयान करने लगें, समाज में यकीनी तौर पर जागरूकता आएगी.उन्होंने कहा कि इमामों के एक देशव्यापी संगठन की जरूरत है दृ इसके लिए यह सही वक्त है.

संगठन बनाने पर चर्चा होनी चाहिए. अगर हम सामाजिक मुद्दों का हल चाहते हैं, तो हमें इमामों की मदद लेनी होगी. इमामों के जरिए एक ही वक्त में देश के तमाम इलाकों में अपनी बात पहुंचाई जा सकती है.  उन्होंने कहा कि हालांकि इमामों के लिए हमें कुछ गाइडलाइंस की जरूरत होगी, जिसके लिए समाज के दानिश्वर से विचार-विमर्श के बाद इसपर कार्य किया जाएगा.

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बैठक को संबोधित करते हुए एमएसओ के चेयरमैन डॉक्टर शुजाअत अली कादरी ने कहा कि किसी भी समाज का विकास उसके सकारात्मक विचारों और कार्यों पर निर्भर है. नकारात्मकता हमेशा समाज को पतन की ओर ले जाती है. प्रस्तावित इमाम संगठन  भारतीय मुस्लिमों के बीच सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ेगी और समाज को कामयाबी की बुलंदियों पर ले जाएगी.

प्रोफेसर अखलाक अहमद उस्मानी ने पावरप्वाइंट द्वारा इमाम संगठन की रूपरेखा पर प्रकाश डाला. एमएसओ के अध्यक्ष मुदस्सिर अशरफी ने अपने संबोधन में कार्यक्रम में शामिल इमामों का धन्यवाद अदा किया.

इस मौके पर मौलाना अंसार फैजी (अजमेर), मौलाना बिलाल, मौलाना अब्दुल जलील निजामी (पीलीभीत यूपी), मौलाना समीउल्लाह (राजस्थान), मौलाना सखी राठौर (कश्मीर), मौलाना सय्यद मुहम्मद (जयपुर),  कारी हनीफ (मुरादाबाद), मौलाना समीर अहमद (रामपुर), मौलाना अखलाक रजा, कारी जमाल, कारी मोहम्मद अली, मौलाना शादाब, मौलाना रईसुद्दीन, मौलाना मजहर इमाम (बंगाल), मौलाना फारूक बरकाती, मुफ्ती असरारुल हक जीशान अशरफी, कारी अब्दुल वाहिद,मौलाना गुलाम मोहम्मद कादरी,मौलाना मुशर्रफ,मौलाना अलीम मौलाना युसूफ जमाल,मौलाना कामिल,समीरुद्दीन कारी,मौलाना तंजीर रजा,कारी रफीक, मौलाना फिरदौस, मौलाना शादाब (उत्तराखंड)कारी मोहम्मद अली (कलियर)मुफ्ती तौफीक मिस्बाही,रफीउद्दीन और मौलाना शम्स सहित तमाम लोग मौजूद थे.