हैदराबाद
वक्फ़ (संशोधन) अधिनियम 2025 के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने शुक्रवार, 3 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी बंद का ऐलान किया है। इस दौरान देशभर में सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक दुकानें और कार्यालय बंद रहेंगे। हालांकि आवश्यक चिकित्सीय सेवाओं को इस बंद से मुक्त रखा गया है।
एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना मोहम्मद फ़ज़लुर रहमान मुजद्दिदी ने स्पष्ट किया कि यह बंद शांतिपूर्ण विरोध का हिस्सा होगा। उन्होंने कहा, “यह आंदोलन किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि केवल अन्यायपूर्ण संशोधनों के विरोध में है जो वक्फ़ संपत्तियों के अस्तित्व और हमारे संवैधानिक अधिकारों को खतरे में डालते हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय अपनी धार्मिक पहचान और संवैधानिक स्वतंत्रता से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा। उनके अनुसार, वक्फ़ की रक्षा करना केवल संपत्तियों की सुरक्षा भर नहीं है, बल्कि यह समुदाय की इज़्ज़त, पहचान और धार्मिक स्वतंत्रता की हिफ़ाज़त का सवाल है।
यह विरोध ऐसे समय में हो रहा है जब सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर को दिए एक अंतरिम आदेश में पूरे क़ानून पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। हालांकि अदालत ने कुछ विवादास्पद प्रावधानों को स्थगित कर दिया और कहा कि क़ानून की संवैधानिक वैधता पर विस्तृत सुनवाई की ज़रूरत है, जिसमें दोनों पक्षों को पूरा मौका दिया जाएगा।
इससे पहले एआईएमपीएलबी ने “वक्फ़ बचाओ, दस्तूर बचाओ” अभियान कई चरणों में शुरू किया था। 19 सितंबर को आंदोलन का दूसरा चरण जुमे की नमाज़ों के दौरान खुत्बों (प्रवचनों) के माध्यम से शुरू हुआ। 24 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना आयोजित होगा, जबकि 16 नवंबर को रामलीला मैदान में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा।
बोर्ड ने देशभर के मुसलमानों से अपील की है कि वे इस बंद में पूरी शिद्दत से हिस्सा लें और यह संदेश दें कि वक्फ़ की हिफ़ाज़त करना समुदाय की इज़्ज़त, पहचान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा से जुड़ा हुआ है।
इस बंद के आह्वान को एआईएमपीएलबी के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी, बोर्ड सदस्य डॉ. मतीनुद्दीन क़ादरी और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी मज़बूती से समर्थन दिया है। उन्होंने इमामों और ख़तीबों से अपील की है कि वे जुमे के खुत्बों में मुसलमानों से इस बंद को सफल बनाने की अपील करें।