भद्राद्री कोठागुडेम (तेलंगाना)
भद्राद्री कोठागुडेम जिले के छह प्रतिबंधित CPI(माओवादी) पार्टी के सदस्यों ने गुरुवार को पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आत्मसमर्पण लगातार चल रहे "ऑपरेशन चेयुथा" का हिस्सा है, जो भद्राद्री कोठागुडेम पुलिस और 81 व 141 CRPF बटालियनों द्वारा आदिवासी समुदायों के विकास और कल्याण के लिए चलाया जा रहा है।
पुलिस के अनुसार, इन व्यक्तियों ने राज्य सरकार और पुलिस विभाग द्वारा प्रदान किए जा रहे कल्याण सुविधाओं के बारे में जानने के बाद हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वाले काडर में एक एरिया कमिटी सदस्य (ACM), एक पार्टी सदस्य (PM) और चार मिलिशिया सदस्य शामिल हैं। सभी छह छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गोम्मुगुड़ा गाँव से हैं और गुथिकाया जनजाति से संबंधित हैं। वे प्रतिबंधित संगठन के साउथ बस्तर डिवीजन के पामेड एरिया कमिटी से जुड़े थे।
आत्मसमर्पण करने वालों के नाम इस प्रकार हैं:
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मदकम देव (दिनेश) – 40 वर्षीय ACM और उसूर लोकल ऑपरेशन स्क्वाड कमांडर
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मदवी जोगा – 21 वर्षीय पार्टी मेंबर, पामेड LOS
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पोडियम देव – 42 वर्षीय मिलिशिया मेंबर, पलागुड़ेम RPC
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मदकम इदुमास – 42 वर्षीय मिलिशिया मेंबर, पलागुड़ेम RPC
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मदकम मुका – 23 वर्षीय मिलिशिया मेंबर, पलागुड़ेम RPC
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मदिवी ईथा – 26 वर्षीय मिलिशिया मेंबर, पलागुड़ेम RPC
प्रारंभिक सहायता के रूप में प्रत्येक आत्मसमर्पणकर्ता को ₹25,000 प्रदान किए गए, कुल ₹1,50,000। उनके आधार और बैंक विवरण जमा करने के बाद उनकी रैंक के अनुसार शेष पुनर्वास राशि उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी।
जनवरी 2025 से "ऑपरेशन चेयुथा" के तहत कुल 320 माओवादी सदस्य आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिनमें 4 DVCM, 22 ACM, 41 PM, 120 मिलिशिया सदस्य, 35 RPC सदस्य, 47 DAKM/KAMS, 30 CNM सदस्य और 21 GRD सदस्य शामिल हैं। इन्हें उपयुक्त पुनर्वास सुविधाएँ प्रदान की गई हैं।
तेलंगाना सरकार और पुलिस विभाग ने बाकी माओवादी सदस्यों से अपील की है कि वे हिंसा छोड़कर शांति पूर्ण जीवन अपनाएं। सरकार और पुलिस आदिवासी क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें सड़कें, स्कूल, अस्पताल, पेयजल और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जा रहा है।
पुलिस विभाग ने आदिवासी समुदायों से कहा, "यदि आप डर या भरोसे के कारण माओवादी पार्टी का समर्थन करेंगे, तो आपके क्षेत्र में विकास कभी नहीं होगा। केवल लोकतांत्रिक सरकारें ही प्रगति ला सकती हैं। हमारी पुलिस ताक़तें आदिवासी क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए प्रयासरत हैं, जिससे न केवल शांति होगी बल्कि सतत विकास भी सुनिश्चित होगा।"