तहव्वुर राणा लश्कर-ए-तैयबा की कई साजिशों के राज खोल सकता है : NIA ने अदालत को बताया

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 01-05-2025
Tahawwur Rana can reveal many secrets of Lashkar-e-Taiba's conspiracies: NIA tells court
Tahawwur Rana can reveal many secrets of Lashkar-e-Taiba's conspiracies: NIA tells court

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली


 
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और इसके प्रमुख हाफिज सईद द्वारा भारत के खिलाफ मौजूदा और भविष्य की आतंकी साजिशों के बारे में कई राज खोल सकता है.
 
एजेंसी ने 28 अप्रैल को एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश चंदर जीत सिंह के समक्ष राणा की हिरासत का अनुरोध करते हुए यह दलील दी. सूत्रों के अनुसार, एनआईए ने अदालत को बताया कि इस मामले में हाफिज सईद आरोपी है और उसका आतंकी संगठन अब भी भारत में आतंकी हमलों में शामिल है। एनआईए ने कहा कि आतंकी संगठन की साजिशों से जुड़े विवरण का पता लगाने के लिए राणा की हिरासत की आवश्यकता है.
 
एनआईए ने दलील दी कि एजेंसी राणा से उसके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ‘नपे- तुले’ तरीके से पूछताछ कर रही है, जबकि राणा ने दावा किया कि उससे प्रतिदिन 20 घंटे पूछताछ की जाती है. एनआईए ने राणा की ओर से असहयोग का दावा करते हुए उसकी हिरासत मांगी.
 
एजेंसी ने कहा, ‘‘आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, साथ ही मौजूदा मामले की सीमा, दायरा, गहराई और व्यापक प्रकृति के तथ्य भी हैं, जिसमें वैश्विक स्तर पर साजिश रचने का आरोप है, यानी आरोपी एक देश से था और फिर दूसरे देश में जाकर बस गया, जहां उसने भारत के खिलाफ साजिश रची, ऐसे में आरोपी की पुलिस हिरासत का अनुरोध करने वाली एनआईए की अर्जी जायज है.’’ अदालत ने केस डायरी को देखने के बाद कहा कि ऐसा लगता है कि एनआईए मामले की ‘गंभीरता से’ जांच कर रही है.
 
अदालत ने मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की एनआईए हिरासत अवधि 28 अप्रैल को 12 दिन और बढ़ा दी थी. राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच चेहरा ढककर अदालत में पेश किया गया था. मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ता अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी के करीबी सहयोगी राणा को चार अप्रैल को अमेरिकी उच्चतम न्यायालय द्वारा भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी समीक्षा याचिका खारिज करने के बाद भारत लाया गया था.