सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने का अनुरोध ठुकराया

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 01-07-2022
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने का अनुरोध ठुकराया
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा की सभी एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने का अनुरोध ठुकराया

 

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी के लिए देश भर में उनके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियों को दिल्ली स्थानांतरित करने के अनुरोध को खारिज कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि वे अन्य वैकल्पिक उपायों का लाभ उठाएं.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाश पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील कानून के तहत उपलब्ध वैकल्पिक उपायों का लाभ उठाने के लिए स्वतंत्रता के साथ वर्तमान रिट याचिका को वापस लेने की मांग करते हैं और अनुमति दी जाती है. रिट याचिका को वापस लेने के रूप में खारिज कर दिया जाता है.’’

आज सुनवाई के दौरान पीठ ने नूपुर शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह से कहा कि वह याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है और उसे इसे वापस लेने का सुझाव दिया.

शीर्ष अदालत ने आगे कहा कि उन्होंने और ‘उनकी ढीली जीभ’ ने पूरे देश में आग लगा दी है और देश में जो हो रहा है, उसके लिए वह अकेले

जांच के लिए सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने के शर्मा के अनुरोध को खारिज करते हुए, पीठ ने उनके वकील मनिंदर सिंह से कहा, ‘‘नहीं, श्री सिंह. अदालत की अंतरात्मा संतुष्ट नहीं है. हम उनके अनुसार कानून नहीं बना सकते हैं.’’

शर्मा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने तब याचिका वापस ले ली.

सुनवाई के दौरान जब सिंह ने पीठ से कहा कि शर्मा को अपनी जान का खतरा है तो न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘उन्हें खतरा है या वह सुरक्षा के लिए खतरा बन गई हैं?’’

पीठ ने कहा, ‘‘जिस तरह से उन्होंने पूरे देश में भावनाओं को भड़काया है. देश में जो हो रहा है, उसके लिए यह महिला अकेले जिम्मेदार है.’’

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘हमने इस पर बहस देखी कि उन्हें कैसे उकसाया गया. लेकिन जिस तरह से उन्होंने यह सब कहा और बाद में कहा कि वह दस साल की वकील थी? यह शर्मनाक है. उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.’’

पीठ ने ज्ञानवापी मामले पर चर्चा की मेजबानी करने के लिए टीवी समाचार चैनल पर भी कड़ा रुख अपनाया, जो एक विचाराधीन मामला है, जिसमें शर्मा, जो मेहमानों में से एक थी, ने विवादास्पद टिप्पणी की.

शीर्ष अदालत शर्मा द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पैगंबर मुहम्मद के बारे में एक टीवी समाचार चैनल की बहस पर उनकी टिप्पणी के लिए देश भर में उनके खिलाफ दर्ज सभी प्राथमिकियों को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की गई थी, जिसके कारण कई राज्यों में हिंसक विरोध और दंगे हुए थे.