नई दिल्ली
लोकसभा में सोमवार को ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विशेष चर्चा आयोजित की जाएगी, जिसमें राष्ट्रगान-समान प्रतिष्ठा रखने वाले इस गीत के इतिहास, उसकी सांस्कृतिक विरासत और कम ज्ञात पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे इस चर्चा को संबोधित करेंगे, जबकि समापन वक्तव्य रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देंगे। सरकार को चर्चा में भागीदारी के लिए तीन घंटे का समय दिया गया है, जबकि पूरे विमर्श के लिए कुल 10 घंटे निर्धारित किए गए हैं।
यह बहस राज्यसभा में भी मंगलवार, 9 दिसंबर को जारी रहेगी, जहाँ चर्चा की शुरुआत गृहमंत्री अमित शाह करेंगे। यह दोनों सदनों में चल रहे उस विशेष संसदीय कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके माध्यम से ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर देश की भावनात्मक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्मृतियों को पुनर्स्मरण किया जा रहा है।
लोकसभा में कांग्रेस के भी आठ नेता अपनी बात रखेंगे, जिनमें गौरव गोगोई, प्रियंका गांधी वाड्रा, दीपेंद्र हुड्डा, बिमोल अकोइजाम, प्रणिति शिंदे, प्रशांत पाडोले, चामला रेड्डी और ज्योत्सना महंत शामिल हैं।
‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ इस वर्ष 7 नवंबर को मनाई गई। बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत पहली बार 7 नवंबर 1875 को बंगदर्शन पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। बाद में इसे उनके प्रसिद्ध उपन्यास आनंदमठ (1882) में स्थान मिला। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसे संगीतबद्ध किया और यह गीत स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज तक भारत की राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और राजनीतिक चेतना का एक महत्वपूर्ण प्रतीक बना हुआ है।






.png)