नई दिल्ली / बस्तर. छत्तीसगढ़ सरकार ने राशन कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक, सार्वजनिक उपयोगिताओं से संबंधित सभी मुद्दों के समाधान के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की शुरूआत की है. नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए यह शुरुआत की गई है.
राज्य सरकार ने सरकेगुड़ा गांव में बुधवार से तीन दिवसीय शिविर का आयोजन किया है, ताकि सिलगर समेत आसपास के गांवों के ग्रामीणों को उनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज मिल सकें.
शिविर स्थल तक जाने में ग्रामीणों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गई है.
जिला प्रशासन दूर-दराज के गांवों में सुविधा शिविरों के माध्यम से ग्रामीणों को एक ही स्थान पर सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है.
इस सुविधा के माध्यम से ग्रामीणों को आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पेंशन पंजीकरण और अन्य सुविधाओं का लाभ लेने की सुविधा दी गई है.
बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक, पी. सुंदरराज ने कहा, “क्षेत्रों में नए शिविरों की स्थापना के साथ आदिवासियों (ग्रामीणों) का जीवन बदल गया है. इंद्रावती नदी के किनारे चार पुल बनाए जा रहे हैं और 2022 तक यह संख्या बढ़कर सात हो जाएगी.”
पिछले दिनों कांकेरलंका गांव में ग्रामीणों के लिए आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और राशन कार्ड बनाने के लिए शिविर का आयोजन किया गया था.
शिविर में मिनपा, अल्मागुंडा, डब्बाकोंटा, दुलेद, चिंतागुफा के ग्रामीणों ने पेंशन दस्तावेज, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड आदि प्राप्त करने के लिए शिविर में हिस्सा लिया गया.
इस शिविर के माध्यम से 900 आधार कार्ड, 568 राशन कार्ड और 570 आयुष्मान कार्ड बनाए गए. साथ ही पेंशन भुगतान के लिए 138 पात्र हितग्राहियों का पंजीयन किया गया.
छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बयान में कहा कि जल्द ही अन्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुविधा शिविर स्थापित किए जाएंगे.