सात-आठ वरिष्ठ विधायक और मंत्री मुख्यमंत्री पद की दौड़ में, प्रशासन ध्वस्त: विजयेंद्र

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 01-12-2025
Seven-eight senior MLAs and ministers are in the race for the post of Chief Minister, administration has collapsed: Vijayendra
Seven-eight senior MLAs and ministers are in the race for the post of Chief Minister, administration has collapsed: Vijayendra

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
 भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस के भीतर बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच राज्य की प्रशासनिक मशीनरी “पूरी तरह से ध्वस्त” हो गई है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के कम से कम सात से आठ वरिष्ठ विधायक और मंत्री राज्य में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं।
 
विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर मुख्यमंत्री पद के लिए जारी अंदरूनी संघर्ष के बीच “संकटग्रस्त किसानों की अनदेखी करने” का आरोप लगाया।
 
उन्होंने कहा कि विपक्ष आठ दिसंबर से बेलगावी में शुरू हो रहे राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान किसानों के कल्याण और उत्तर कर्नाटक से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए दबाव बनाएगा तथा प्रशासन से जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग करेगा।
 
विजयेंद्र ने सिरसी में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए प्रतिस्पर्धा दिन-प्रतिदिन तेज होती जा रही है। मेरे पास मौजूद जानकारी के अनुसार, सत्तारूढ़ पार्टी के कम से कम सात से आठ वरिष्ठ विधायक और मंत्री किसी तरह मुख्यमंत्री बनने की कोशिशों में जुटे हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।”
 
यह पूछे जाने पर कि अगर कांग्रेस का कोई गुट आगे आकर भाजपा के साथ सरकार बनाने की पेशकश करे, तो क्या पार्टी इसके लिए तैयार होगी। इसके जवाब में विजयेंद्र ने कहा, “राज्य के मतदाताओं ने कांग्रेस को स्पष्ट जनादेश दिया है और भाजपा को विपक्ष में बैठाया है। भाजपा एक प्रभावी विपक्ष के रूप में काम करेगी और पार्टी का सरकार बनाने का कोई इरादा नहीं है।”
 
सिद्धरमैया सरकार पर सत्ता में आने के बाद से ही किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए विजयेंद्र ने कहा, “जब केंद्र सरकार ने पीएम-किसान योजना शुरू की थी, तब कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार ने किसानों को अतिरिक्त 4,000 रुपये का भुगतान किया था, लेकिन अब इसे रोक दिया गया है।”
 
उन्होंने कहा, “जब बसवराज बोम्मई मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने रैयत विद्या निधि योजना (किसानों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना) शुरू की थी, लेकिन उसे भी बंद कर दिया गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली सरकार बारिश और बाढ़ के कारण संकट में फंसे किसानों की मदद के लिए आगे नहीं आ पा रही है।”