हिंदू-असमिया बहुल क्षेत्रों में भूमिहीनों का बसना साजिश हो सकता है: मुख्यमंत्री हिमंत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 13-07-2025
Settlement of landless people in Hindu-Assamese dominated areas could be a conspiracy: Chief Minister Himanta
Settlement of landless people in Hindu-Assamese dominated areas could be a conspiracy: Chief Minister Himanta

 

गुवाहाटी 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को आशंका जताई कि राज्य में भूमिहीनों और भूमि कटाव से प्रभावित लोगों का अपने मूल स्थानों से सैकड़ों किलोमीटर दूर जाकर हिंदू या असमिया मुस्लिम बहुल इलाकों में बसना किसी गंभीर साजिश का हिस्सा हो सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाए गए अतिक्रमण रोधी अभियानों के दौरान हटाए गए लोगों में से अधिकांश बांग्ला भाषी मुस्लिम समुदाय से हैं। उन्होंने दावा किया कि ऐसे लोगों के दूर-दराज इलाकों में जाकर बसने से जनसांख्यिकीय संतुलन को खतरा पैदा हो रहा है।

शर्मा ने कहा,"हमारा सवाल यह है कि वे अपने घर से 200–300 किलोमीटर दूर उन जगहों पर क्यों जाकर बसते हैं, जहां पहले से हिंदू या असमिया मुसलमान बहुसंख्यक हैं? इससे स्थानीय लोगों में असुरक्षा की भावना पनप रही है। यह सिर्फ अतिक्रमण हटाने का मामला नहीं है, बल्कि एक गुप्त योजना का हिस्सा भी हो सकता है, जिसमें हमें धीरे-धीरे अल्पसंख्यक बनाने की कोशिश की जा रही है।"

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस सप्ताह धुबरी और गोलपारा जिलों में दो बड़े अतिक्रमण हटाने के अभियान चलाए गए, जिनमें 4,500 बीघा से अधिक सरकारी और आरक्षित वन भूमि को खाली कराया गया।

उन्होंने कहा,"यह साजिश है, गरीबी है या इसके पीछे कुछ राजनीतिक ताकतें काम कर रही हैं—इसकी जांच होनी चाहिए।"

मुख्यमंत्री के अनुसार, असम में लगभग 8 लाख बीघा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया जा चुका है, जिसमें कई आरक्षित वन और संवेदनशील क्षेत्र भी शामिल हैं। सरकार अब इन पर गंभीरता से काम कर रही है।