सलीहा शब्बीरः कश्मीर के साहित्य फलक का उभरता सितारा

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 07-05-2021
सलीहा शब्बीर
सलीहा शब्बीर

 

आवाज द वायस / श्रीनगर.

श्रीनगर के दालगेट की निवासी और तीन किताबों की लेखिका सलीहा शब्बीर को हाल ही में ‘एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ से सम्मानित किया गया. अतीत में, उन्हें उनकी तीन पुस्तकों के लिए विभिन्न राष्ट्रीय संगठनों द्वारा सम्मानित किया गया है. वह कश्मीर घाटी के सबसे कम उम्र के लेखकों में से एक हैं.

बीस के दशक में सलीहा शब्बीर ने अपनी बुक जोन के लिए बुक ऑफ एशिया रिकॉर्ड में ग्रैंडमास्टर जीता और हब्बा खातून की कविता फिर से लिखने वाली जम्मू और कश्मीर की सबसे कम उम्र की लड़की बन गईं.

अतीत में उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं पर तीन बहुआयामी पुस्तकें लिखने का सौभाग्य मिला है. सलीहा का कहना है कि जोन पहली किताब है जिसमें हब्बा खातून की शायरी और सार को फिर से बनाने की कोशिश की गई है.

सलीहा ने कहा कि उनकी तीसरी पुस्तक ‘जून’ एक महिला के दर्द पर कविताओं का संग्रह है. उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा उस दर्द को शब्दों में ढालने की कोशिश की है. खैर, कोई भी लेखक अपनी पूर्णता से मेल नहीं खा सकता है, लेकिन मैंने केवल एक छोटा सा प्रयास किया है. मुझे आशा है कि यह पुस्तक हम सभी को इस दर्द का एहसास कराएगी.”

उन्होंने कहा कि कई लोगों ने हब्बा खातून की कविता का अंग्रेजी में अनुवाद किया है, लेकिन आज तक किसी ने कुछ नया नहीं लिखा है.

उन्होंने कहा कि वह हब्बा खातून के लेखन की शैली और उसके विषय को फिर से जनता के सामने रखने की कोशिश कर रही हैं. उनके अनुसार, उन्होंने अंग्रेजी में जोन लिखा है. हालांकि यह कश्मीरी संस्कृति के प्रति मेरे झुकाव की ओर एक कदम है, क्योंकि जैसी कि पहले ही चर्चा की जा चुकी है, हम सभी अपनी जड़ों से बहुत दूर जा चुके हैं. अगर किताब कश्मीरी में लिखी जाती, तो मुट्ठी भर युवा भी इसे नहीं पढ़ते. इसलिए मैंने युवा लोगों के बारे में ज्ञान की भावना पैदा करने के लिए इसे अंग्रेजी में लिखा. यदि यह पुस्तक पसंद की जाती है, तो मुझे यकीन है कि 10 में से 3 लोग कश्मीरी संस्कृति में रुचि लेंगे.

उन्होंने कहा, हब्बा खातून उन लोगों में से एक थी, जिनसे मैं बचपन से जुड़ी थी.” इस उम्र में तीन पुरस्कार प्राप्त करना सलीहा के लिए एक उपलब्धि है. उन्होंने कहा, ”मैं कश्मीर की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अन्य पुस्तकें भी लिख रही हूं. मुझे अतीत में तीन बार सम्मानित किया गया है, जिनमें से दो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पुरस्कार हैं.”