आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने की कृषि उपकरणों से जीएसटी हटाने की मांग

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 11-10-2022
आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने की कृषि उपकरणों से जीएसटी हटाने की मांग
आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ ने की कृषि उपकरणों से जीएसटी हटाने की मांग

 

नई दिल्ली. आरएसएस से जुड़े किसान संघ यानी भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने सरकार से कृषि उपकरणों पर लगाए गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को पूरी तरह से हटाने और और मुद्रास्फीति में वृद्धि के अनुपात में किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत वित्तीय सहायता बढ़ाने की मांग की है. बीकेएस के कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर गांवों में संचार, धरना-प्रदर्शन और पदयात्रा जैसे कार्यक्रमों के जरिए देश के सभी प्रांतों में जन आंदोलन करने की कोशिश कर रहे हैं.

अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए, बीकेएस इस साल 19 दिसंबर को दिल्ली में किसानों की एक रैली - 'किसान गर्जना रैली' का आयोजन करने जा रही है, जिसका उद्देश्य देश भर से लाखों किसानों को जुटाना है. हाल ही में बीकेएस की अखिल भारतीय कार्यकारी समिति और दिल्ली में प्रांतों के मुख्य पदाधिकारियों की बैठक में आंदोलन के रोडमैप पर विस्तार से चर्चा की गई. दो दिवसीय बैठक में लिए गए निर्णय पर बोलते हुए अखिल भारतीय सचिव साई रेड्डी और महासचिव मोहिनी मोहन मिश्रा ने कहा, खाद्यान्नों की सुरक्षा के साथ-साथ किसानों की सुरक्षा भी बहुत महत्वपूर्ण है. किसानों ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है. देश में प्रचुर मात्रा में फसल पैदा करके, लेकिन किसान की स्थिति अभी भी वही है.

उन्होंने कहा कि बीएसएस का नारा रहा है- हम देश का स्टॉक भरेंगे लेकिन हम उचित मूल्य लेंगे. लेकिन फसल उगाने वाले किसानों को लागत के आधार पर उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों के लिए इनपुट क्रेडिट नहीं मिल रहा है, इसलिए कृषि आदानों पर जीएसटी को हटाया जाना चाहिए और कृषि आदानों में मुद्रास्फीति में वृद्धि के अनुपात में किसान सम्मान निधि की वित्तीय सहायता भी बढ़ाई जानी चाहिए.

उन्होंने किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और कृषि को लाभदायक बनाने पर भी जोर दिया. रेड्डी ने आगे कहा कि संघ लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की मांग को दबाने के लिए आंदोलन कर रहा है, लेकिन सरकारों ने इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया है. इसलिए देशभर के कार्यकर्ता रैली में हिस्सा लेकर अपने हक की आवाज उठाएंगे.