आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
‘बरसात’ फिल्म से करियर की शुरुआत करने वाले बॉबी देओल को फिल्म उद्योग में 30 साल पूरे हो चुके हैं। उनका करियर उतार-चढ़ाव वाला रहा है, जिसमें ऐसी ऊंचाईयां और गिरावटें आईं जिन पर अपने आप में एक फिल्म की पटकथा लिखी जा सकती है।
अब ऐसा लगता है जैसे एक अभिनेता का पुनर्जन्म हुआ है, उन्हें नए प्रशंसक वर्ग का प्यार मिल रहा है और अब वह हर तरह के जटिल किरदार निभा रहे हैं।
‘बरसात’ फिल्म छह अक्टूबर 1995 को रिलीज हुई थी, जिसमें बॉबी देओल को ट्विंकल खन्ना के साथ परदे पर देखा गया था। यह ट्विंकल की भी पहली फिल्म थी। उस समय बॉबी को धर्मेंद्र के बेटे के रूप में जाना जाता था लेकिन आज उसी धर्मेंद्र के बेटे ने खुद को एक 'चॉकलेट बॉक्स हीरो' से चरित्र अभिनेता के रूप में विकसित किया है। वह ‘एनिमल’ में एक क्रूर खलनायक, ‘आश्रम’ सीरीज में एक संदिग्ध संत और ‘द बैड्स औफ बॉलीवुड’ में एक जटिल ‘सुपरस्टार’ की भूमिकाओं से प्रशंसकों की वाहवाही लूट रहे हैं।
अभिनेता अपने उस बुरे दौर के बारे में खुलकर बात करते हैं, जब उनके पास काम नहीं था और वह जीवन के एक ‘भयानक मुकाम’ पर थे। अब वह बहुत खुश हैं। उन्होंने जनता के बीच अपनी पहचान फिर से बनाई है। वह इसके लिए विशेषकर अपने पिता धर्मेंद्र के लगातार समर्थन और प्रशंसकों के असीम प्रेम को श्रेय देते हैं।