नई दिल्ली
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) अपनी दिसंबर मौद्रिक नीति समिति (MPC) बैठक में पॉलिसी रेपो रेट को 5.5% पर अपरिवर्तित रख सकता है। यस बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बैंक नीतिगत रुख में भी कोई बदलाव नहीं करेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्याज दरों में आगे कटौती की गुंजाइश सीमित है, इसलिए यह नीति बैठक “टच-एंड-गो” की स्थिति में होगी, जहाँ फैसले में मामूली बदलाव की संभावना बनी रहेगी।
रिपोर्ट में उल्लेख है:
“हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई दिसंबर में पॉलिसी दरों और रुख दोनों को यथावत रखेगा।”
खुदरा महंगाई (CPI) पिछले कई महीनों से 2% के नीचे बनी हुई है और अगले 3–4 महीनों तक निम्न स्तर पर रहने का अनुमान है।
वहीं, भारत की आर्थिक वृद्धि उम्मीद से बेहतर रही है।
FY26 की दूसरी तिमाही में GDP वृद्धि 8.2% दर्ज हुई।
अक्टूबर के हाई-फ्रीक्वेंसी संकेतक भी स्थिर विस्तार बताते हैं।
हालाँकि, हाल में जारी कुछ आंकड़े—जैसे मैन्युफैक्चरिंग PMI और IIP—थोड़े कमजोर रहे, जिससे आगे गति में कमी आने के संकेत मिलते हैं।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि आगामी तिमाहियों में विकास दर पर कुछ दबाव आ सकता है, क्योंकि—
त्योहारी मांग खत्म हो रही है
केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय (Capex) धीमा पड़ सकता है
साथ ही, बेस इफेक्ट के कारण खुदरा महंगाई में मामूली वृद्धि भी संभव है।
इस परिस्थिति में रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि आरबीआई को फिलहाल पॉलिसी दरों में बदलाव नहीं करना चाहिए।
यस बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई अपने महंगाई अनुमान को नीचे संशोधित कर सकता है—
FY26 का महंगाई अनुमान: 2.6% से घटाकर 1.8–2.0%
Q1 FY27 का अनुमान: 4.5% से घटाकर 4%
(यस बैंक का अनुमान: 3.1%)
फरवरी 2026 में नए CPI और GDP सीरीज़ लॉन्च होने वाली है—अभी स्थिरता जरूरी।
वर्तमान निम्न महंगाई मुख्य रूप से सब्जियों और GST कटौती की वजह से है—यह टिकाऊ नहीं।
क्रेडिट ग्रोथ, डिपॉजिट ग्रोथ से अधिक—यदि ब्याज दरें घटती हैं तो जमा और कम हो सकते हैं, जिससे कर्ज देने की क्षमता प्रभावित होगी।
विदेशी निवेश में कमी और रुपये पर दबाव—अमेरिका–भारत ब्याज दर अंतर कम करने का यह सही समय नहीं।
रिपोर्ट का कहना है कि दरों और रुख को स्थिर रखना ही सबसे सुरक्षित कदम होगा, जो आगे नीति लचीलापन भी बनाए रखेगा।
मौद्रिक नीति समिति की बैठक 3–5 दिसंबर तक चलेगी।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा 5 दिसंबर को सुबह 10 बजे अंतिम नीति घोषणा करेंगे।