मॉनसून सत्र: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमिलनाडु सरकार पर पीएम आवास योजना में देरी का लगाया आरोप

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 19-08-2025
Monsoon Session: Union Minister Shivraj Singh Chouhan accuses Tamil Nadu government of delay in PM Awas Yojana
Monsoon Session: Union Minister Shivraj Singh Chouhan accuses Tamil Nadu government of delay in PM Awas Yojana

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

संसद के मॉनसून सत्र में मंगलवार को ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमिलनाडु सरकार पर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को लागू करने में गंभीर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि केंद्र से 608 करोड़ रुपये मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने गरीबों को पाँच लाख से अधिक मकान उपलब्ध नहीं कराए हैं.
 
लोकसभा में सवाल-जवाब के दौरान चौहान ने कहा कि यह गरीबों के साथ अन्याय है. उन्होंने बताया कि 2 लाख 15 हज़ार मकान पात्र लोगों को नहीं दिए गए, जबकि 3 लाख 10 हज़ार मकानों का निर्माण अब तक अधूरा है. मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 2024 में आवश्यक सर्वे भी नहीं कराया, जिसके ज़रिए कच्चे घरों में रहने वाले पात्र परिवारों की पहचान की जानी थी.
 
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सांसद लवु श्रीकृष्ण देवरायलु ने आवास योजना के तहत तमिलनाडु में स्वीकृत मकानों, बजट आवंटन और नए सर्वे की स्थिति पर सवाल पूछा था। जवाब में चौहान ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने गरीबों को पक्का मकान देने के लिए बजट दिया। लेकिन अफ़सोस है कि तमिलनाडु सरकार न तो पैसे का उपयोग कर रही है और न ही मकान बना रही है. यह गरीबों के साथ विश्वासघात है.”
 
उन्होंने आगे कहा कि 2018 की आवास+ सूची में शामिल 50,815 मकान अब तक नहीं दिए गए। चौहान ने सवाल उठाया कि क्या राज्य सरकार की समस्या यह है कि इन घरों पर प्रधानमंत्री मोदी का नाम जुड़ जाएगा? उन्होंने हाथ जोड़कर तमिलनाडु सरकार से अपील की कि गरीबों का हक़ रोका न जाए और जल्द से जल्द मकान दिए जाएँ.
 
चौहान ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) सिर्फ़ मकान ही नहीं देती, बल्कि ग्रामीण आबादी को रोज़गार और अर्थव्यवस्था को गति भी प्रदान करती है.
 
विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाज़ी के बीच चौहान ने अपना जवाब जारी रखते हुए कहा कि सरकार ने पैसा भेज दिया है, लेकिन राज्य सरकार मकानों को स्वीकार नहीं कर रही। यह सीधे तौर पर गरीब जनता के साथ अन्याय है.
 
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) 2016 में शुरू की गई थी. मूल रूप से इसका लक्ष्य 2023-24 तक 2.95 करोड़ घर बनाना था। योजना को आगे बढ़ाते हुए अब 2024-29 के लिए 2 करोड़ और घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए कुल 3,06,137 करोड़ रुपये का बजट और वर्ष 2024-25 के लिए 54,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.