नई दिल्ली
पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कथित भ्रामक विज्ञापनों पर सुप्रीम कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है.एक हलफनामे में, पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वह 21नवंबर, 2023के शीर्ष अदालत के आदेश प्रति में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए माफी मांगते हैं.
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी न किए जाएं और उनका उद्देश्य केवल इस देश के नागरिकों को जीवनशैली संबंधी बीमारियों के उत्पादों सहित आयुर्वेदिक कंपनी के उत्पादों का सेवन करके स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करना है.
हलफनामा मेंकहा गया है,"अभिसाक्षी को खेद है कि विचाराधीन विज्ञापन, जिसमें केवल सामान्य बयान शामिल थे, में अनजाने में अपमानजनक वाक्य शामिल हो गए.यह प्रामाणिक था और प्रतिवादी नंबर 5कंपनी के मीडिया विभाग द्वारा नियमित पाठ्यक्रम में जोड़ा गया था.प्रतिवादी नंबर 5कंपनी के मीडिया विभाग के कर्मियों को 21नवंबर, 2023के आदेश का संज्ञान नहीं था.''
आचार्य बालकृष्ण ने आगे कहा कि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की अनुसूची जे, ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1955 के साथ पढ़ी गई, पुरानी स्थिति में है और आखिरी बदलाव 1996में पेश किए गए थे.ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940तब पारित किया गया था जब आयुर्वेद अनुसंधान में वैज्ञानिक साक्ष्य की कमी थी.
आयुर्वेदिक कंपनी के पास अब आयुर्वेद में किए गए नैदानिक अनुसंधान के साथ साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक डेटा है, जो उक्त अनुसूची में उल्लिखित रोगों के संदर्भ में वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से हुई प्रगति को प्रदर्शित करेगा.उसी के प्रकाश में, यह विनम्रतापूर्वक प्रस्तुत किया गया है कि अभिसाक्षी की एकमात्र खोज प्रत्येक नागरिक के लिए बेहतर और स्वस्थ जीवन और जीवनशैली से संबंधित चिकित्सा जटिलताओं के लिए समग्र, साक्ष्य आधारित समाधान प्रदान करके देश के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे पर बोझ को कम करना है.