आवाज़ द वॉयस, नई दिल्ली
भारत की सशक्त और निर्णायक पहल के चलते पाकिस्तान अब घुटनों पर आ गया है. पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सटीक सैन्य कार्रवाई की और साथ ही वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थन वाली भूमिका को बेनकाब करने के लिए कई देशों में भारतीय प्रतिनिधिमंडलों को भेजा.
इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम अब नजर आने लगे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब खुलकर सभी लंबित मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने की इच्छा जाहिर की है, जो भारत के दबाव और कूटनीतिक सफलता का परिणाम है.
शहबाज शरीफ की बातचीत की पेशकश
तेहरान में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़े्श्कियन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शहबाज शरीफ ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ पुराने विवादों जैसे कश्मीर, जल वितरण, और व्यापार को लेकर बातचीत करने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा, “हम अपने पड़ोसी के साथ जल संबंधी सभी मुद्दों पर शांति के लिए बातचीत करने को तैयार हैं. इसके साथ ही हम व्यापार को बढ़ावा देने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के लिए भी संवाद स्थापित करना चाहते हैं.”
शहबाज शरीफ ने बार-बार यह जोर दिया कि “हम शांति चाहते हैं, शांति चाहते हैं और क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए वार्ता के जरिए अपने सभी लंबित मुद्दों का समाधान करेंगे.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि “अगर भारत हमारी शांति की पहल स्वीकार करता है तो हम गंभीरता और ईमानदारी से शांति के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे.”
भारत की कूटनीति का असर
शहबाज शरीफ की यह घोषणा भारत की सख्त नीति और सक्रिय कूटनीति का प्रतिफल है. भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने दावों को वैश्विक स्तर पर मजबूती से पेश किया और पाकिस्तान के दुष्प्रचार को बेनकाब किया.
साथ ही, भारत ने पाकिस्तान से सिंधु जल संधि को प्रभावी तौर पर स्थगित कर दिया, खासकर पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पहले स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद के कारण 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि फिलहाल लागू नहीं है. यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच जल संसाधनों के न्यायसंगत वितरण के लिए बनी थी, लेकिन अब उसे रोक दिया गया है.
MEA प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि “जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय बदलाव और तकनीकी विकास ने भी नई चुनौतियां और परिस्थितियां पैदा की हैं। 23 अप्रैल को हुए उच्च स्तरीय निर्णय के तहत भारत इस संधि को तब तक रोक कर रखेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन छोड़ने को स्थायी रूप से तैयार नहीं होता..”
द्विपक्षीय व्यापार पूरी तरह ठप
भारत ने पाकिस्तान से आने वाली सभी वस्तुओं के आयात और ट्रांजिट पर तत्काल प्रतिबंध लगा दिया है, चाहे वे सीधे आयात हों या अप्रत्यक्ष. इससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की अधिसूचना ने इस प्रतिबंध की जानकारी दी है, जो भारत की आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट नीति को दर्शाती है.
क्षेत्रीय शांति के लिए भारत का संकल्प
भारत की सख्त, लेकिन शांति की चाहत से भरी नीति अब असर दिखा रही है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस संवाद प्रस्ताव से स्पष्ट होता है कि भारत की कूटनीतिक सक्रियता ने पड़ोसी देश को मजबूर कर दिया है कि वह बातचीत के लिए हाथ बढ़ाए. भारत ने हमेशा क्षेत्रीय स्थिरता, शांति और विकास को प्राथमिकता दी है, और अब इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना शुरू कर दिया है.
यह न सिर्फ भारत की विदेश नीति की जीत है, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में शांति और समृद्धि की उम्मीदों को भी नई ऊर्जा प्रदान करती है. भारत पूरी तरह से तैयार है कि वह बातचीत के जरिए समाधान निकाले और सभी विवादों को खत्म करे, ताकि क्षेत्र एक स्थिर और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ सके.