Let us make the future of AI, the future of aspirational India: MoS Jitin Prasada
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने मंगलवार को सेंटर ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड गवर्नेंस (सीपीआरजी) द्वारा आयोजित 'पढ़ एआई: शिक्षा में एआई पर कॉन्क्लेव' में बोलते हुए कहा कि आइए हम AI के भविष्य को आकांक्षी भारत का भविष्य बनाएं.
केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, "हमारी सरकार का इरादा बहुत स्पष्ट है: AI सभी के लिए है. यह सरकार और समाज से परे है. हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत न केवल प्रतिभा में, बल्कि विवेक और करुणा में भी अग्रणी हो, और समावेशी और आत्मनिर्भर AI का निर्माण करे." आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एएनआई से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, "पीएम मोदी का संकल्प 'सभी के लिए एआई' है. पीएम प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना चाहते हैं और इसे केवल अभिजात वर्ग तक सीमित नहीं रखना चाहते. हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि भारत में एआई का समर्थन करने वाले जीपीयू सबसे कम कीमत पर उपलब्ध कराए जाएं ताकि लोग नवाचार कर सकें और नए विचार ला सकें..."
उन्होंने सीपीआरजी की नेतृत्व और वैश्विक उपस्थिति, विशेष रूप से पेरिस एआई एक्शन समिट 2025 और सर्बिया में 2024 जीपीएआई समिट में भागीदारी के लिए भी सराहना की. उद्घाटन सत्र में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने भाग लिया। उन्होंने कहा, "दिल्ली के लिए हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है: एआई सभी के लिए है. यह शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाने, बाधाओं को तोड़ने और सभी छात्रों के लिए अवसर पैदा करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के बारे में है. समावेशी शिक्षा के प्रति दिल्ली की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्होंने कक्षाओं में मानवीय हस्तक्षेप को बदलने के बजाय एआई को समर्थन देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.
पढ़ एआई कॉन्क्लेव के पहले दिन दो आकर्षक सत्र हुए. पहले सम्मेलन का शीर्षक था "कक्षाओं से परे सीखना", जिसमें NIELIT के महानिदेशक मदन मोहन त्रिपाठी, प्राइमस पार्टनर्स की सह-संस्थापक चारु मल्होत्रा और एकस्टेप फाउंडेशन के सीओओ जगदीश बाबू शामिल हुए. चर्चा में इस बात पर चर्चा की गई कि कैसे AI व्यक्तिगत और अनुकूली शिक्षा, प्रयोगात्मक शिक्षा मॉडल और समावेशी डिजिटल पहुँच को सक्षम कर रहा है, जिसमें शासन और सुरक्षित शिक्षण वातावरण पर विशेष जोर दिया गया है. कॉन्क्लेव ने अभिनव AI-संचालित समाधानों पर सार्थक संवाद का मार्ग प्रशस्त किया जो शिक्षण को बढ़ाता है और एक अनुकूली, समावेशी और भविष्य के लिए तैयार शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देता है.