कश्मीर में आतंक के लिए पाकस्तानी सेना जिम्मेदार, कैमरे के सामने आतंकी ने कबूला

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 1 Years ago
कश्मीर में आतंक के लिए पाकस्तानी सेना जिम्मेदार, कैमरे के सामने आतंकी ने कबूला
कश्मीर में आतंक के लिए पाकस्तानी सेना जिम्मेदार, कैमरे के सामने आतंकी ने कबूला

 

राजौरी (जम्मू-कश्मीर). जम्मू क्षेत्र के पास नियंत्रण रेखा पर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े गए एक आतंकवादी ने भारतीय क्षेत्र आतंकवादी हमलों को प्रायोजित करने में एक सेवारत पाकिस्तानी सेना कर्नल की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया है.  पकड़ा गया आतंकवादी तबारक हुसैन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के जिला कोटली के सब्जकोट गांव का निवासी है. इस समय उसका सेना के एक चिकित्सा केंद्र में इलाज चल रहा है. सेना के डॉक्टरों की जान बचाने से पहले हुसैन की हालत बेहद गंभीर थी. जैसे ही वह ठीक हुआ, हुसैन ने बुधवार को एएनआई को बताया कि उसे तीन से चार अन्य आतंकवादियों के साथ भेजा गया था, जिसे एलओसी पार करने के बाद भारतीय सैनिकों पर फिदायीन हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तानी कर्नल यूनुस चौधरी द्वारा पैसे दिए गए थे. हुसैन को गोली लग गई थी, जबकि उसके साथी फरार हो गए.

हुसैन ने सवालों के जवाब में कहा, ‘‘हम चार-पांच लोग थे. हम मरने आए थे. हमें पाक सेना के कर्नल चौधरी यूनुस ने भेजा था. उसने हमें भारतीय चौकियों पर हमला करने के लिए पैसे दिए.’’ उसने कहा कि ‘‘समूह के पास चार-पांच बंदूकें थीं. हमें भारतीय सेना पर हमला करने के लिए कहा गया था. मैं 2016 में आया था. इस बार हम हमला नहीं कर सके. बाकी लोग भाग गए. मुझे गोली लगने के बाद, भारतीय सेना ने मुझे बचा लिया.’’

सेना के डॉक्टर राजीव नायर ने कहा कि हुसैन को जब लाया गया, तो उसकी हालत काफी नाजुक थी. उन्होंने कहा कि उनकी जान बच गई है, लेकिन उसे घावों से उबरने में कई सप्ताह लगेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें यह विडंबना नहीं लगती कि मारने आए एक आतंकवादी को बचाया जा रहा है, डॉक्टर ने कहा कि उनके लिए जो भी आता है, वह एक मरीज है. नायर ने कहा, ‘‘जो कोई भी हमारे पास आता है, वह एक मरीज है और हमारा काम केवल उनकी जान बचाना है. हमने उसे बचाने के लिए वही प्रयास किया है, जो हम सैनिकों या अन्य लोगों के लिए करते हैं. यह भारतीय सैनिकों की वीरता है कि उन्होंने रक्तदान भी किया. उसे बचाया. वह अपना खून बहाने आया था और हमारे सैनिकों ने उसे बचाने के लिए अपना खून दान कर दिया.’’ उन्होंने कहा कि हुसैन बिस्तर पर पड़ा हैं और यह भारतीय सैनिक हैं, जो अब उन्हें खाना खिला रहे हैं.

एक आधिकारिक बयान में, रक्षा अधिकारियों ने कहा कि पिछले 48 घंटों में राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर तैनात सतर्क सैनिकों द्वारा घुसपैठ की दो बड़ी कोशिशों को समाप्त कर दिया गया है. 21 अगस्त 2022 को, सुबह के समय, नौशेरा के झंगर सेक्टर में तैनात सतर्क सैनिकों ने नियंत्रण रेखा के अपनी तरफ दो से तीन आतंकवादियों की आवाजाही देखी. एक आतंकवादी भारतीय चौकी के करीब आया और बाड़ काटने की कोशिश की.

ब्यान के अनुसार, ‘‘आतंकवादी ने भागने की कोशिश की, हालांकि, प्रभावी फायरिंग से उसे अक्षम कर दिया गया था. दो आतंकवादी जो पीछे छिपे हुए थे, घने जंगल और टूटी हुई जमीन के सहारे भाग गए. घायल पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया और तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की गई और जीवन रक्षक सर्जरी की गई.’’

इसमें कहा गया है कि पकड़े गए आतंकवादी ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के जिला कोटली के सब्जकोट गांव के निवासी तबारक हुसैन के रूप में अपनी पहचान का खुलासा किया. ‘‘आगे की पूछताछ पर, आतंकवादी ने भारतीय सेना पोस्ट पर हमला करने की अपनी योजना के बारे में कबूल किया. तबारक हुसैन ने कहा कि, उन्हें कर्नल यूनुस चौधरी नामक पाकिस्तान खुफिया एजेंसी के एक कर्नल ने भेजा था, जिन्होंने उन्हें 30,000 पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया था. तबारक ने यह भी खुलासा किया कि अन्य आतंकवादियों के साथ-साथ भारतीय अग्रिम चौकियों की दो से तीन करीब से रेकी की थीं, ताकि उन्हें सही समय पर निशाना बनाया जा सके.’’