मंजीत ठाकुर / नई दिल्ली
जश्न-ए-रेख्ता में अदब की गहरी बातों के साथ संगीत के सुर भी छेड़े जा रहे हैं और साथ ही गीतों की रचना की प्रक्रिया पर बात भी हो रही है. ऐसे ही एक सत्र में संगीतकार जोड़ी विशाल-शेखर फेम के उस्ताद संगीतकार शेखर रावजियानी भी मौजूद थे.
शेखर ने कहा कि गीतों की रचना का श्रेय किसी एक व्यक्ति यानी गीतकार, गायक या कंपोजर को नहीं दिया जा सकता है और इस सृजन प्रक्रिया में सभी का बराबर योगदान होता है.
जश्न-ए-रेख्ता के दूसरे दिन शनिवार को फिल्मी गीतों की तिलिस्मकारी सत्र के मेहमानों में मशहूर गायिका शिल्पा राव भी मौजूद थी. शिल्पा राव ने कहा कि संगीत की रचना तभी मुमकिन हो पाती है, जब हम उसको जीने लगते हैं.
इस सत्र की शुरुआत संचालिका अतिका फारुकी ने जोरदार अंदाज में की थी और पुराने नगमे गुनगुना कर और उपस्थित दर्शकों को भी गाने के लिए कहकर माहौल तैयार कर दिया था. गानों में हल्केपन के सवाल पर इस सत्र में मौजूद प्रसिद्ध गीतकार शकील आजमी ने कहा कि कोई गीतकार आइटम गीतों में भी अपनी बात कह सकता है.
इस सत्र में शेखर ने अपने कुछ गीत गुनगुनाए, वहीं शिल्पा राव ने भी अपने हिट गीत सुनाए. लेकिन सबसे अहम रहा दर्शकों का उत्साह, जो संगीत में अदब और अदब में संगीत को सुनने उमड़ पड़े.