आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि सबरीमला मुद्दे पर उसका किसी भी समुदाय या धार्मिक संगठन के साथ कोई विवाद या मतभेद नहीं है और उसने राजनीतिक कारणों से ‘ग्लोबल अयप्पा संगम’ से दूरी बनाई.
कांग्रेस नेता वी डी सतीशन ने यह बयान ऐसे समय दिया है जब एक दिन पहले ही दो मजबूत हिंदू जातीय संगठन - नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) और श्री नारायण धर्म परिपालन (एसएनडीपी) योगम - सबरीमला मुद्दे पर सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के रुख का समर्थन कर चुके हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी (एनएसएस और एसएनडीपी) अपनी राय है, ठीक वैसे ही जैसे हमें अपनी राय रखने का अधिकार है. हम अपने फैसले पर अडिग हैं। यह कांग्रेस और यूडीएफ द्वारा लिया गया एक राजनीतिक निर्णय था और हमारा मानना है कि यह सही था। हमारा किसी धार्मिक संगठन या समुदाय के साथ कोई विवाद नहीं है.’
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सतीशन ने कहा कि यह एलडीएफ सरकार थी जिसने सबरीमला की परंपराओं की रक्षा करने की कोशिश नहीं की.
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर वामपंथी सरकार श्रद्धालुओं के साथ है, तो उसे सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले हजारों एनएसएस कार्यकर्ताओं, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने चाहिए थे.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने ऐसा करने का वादा किया था। लेकिन उसने आज तक ऐसा नहीं किया।’’ उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और यूडीएफ ने हमेशा धर्मनिरपेक्ष रुख अपनाया है और अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक, दोनों तरह की सांप्रदायिकता का विरोध किया है.