एनडीआरएफ ने बारिश से तबाह दार्जिलिंग में टीमें भेजीं, भूस्खलन में सात लोगों की मौत, कई गांवों का संपर्क टूटा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 05-10-2025
NDRF rushes teams to rain-ravaged Darjeeling as landslides kill seven, cut off villages
NDRF rushes teams to rain-ravaged Darjeeling as landslides kill seven, cut off villages

 

दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल)

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग उपखंड के बारिश से प्रभावित मिरिक इलाके में कई टीमें तैनात की हैं। मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और कई गाँव बाकी क्षेत्र से कट गए हैं।
 
एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मोहसेन शहीदी के अनुसार, दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी और अलीपुरद्वार से तीन टीमें पहले ही तैनात की जा चुकी हैं, जबकि मालदा और कोलकाता से एक-एक टीम प्रभावित स्थलों के लिए रवाना हो चुकी है।
 
शहेदी ने एएनआई को बताया, "हमारे कर्मी लापता लोगों का पता लगाने और फंसे हुए ग्रामीणों की सहायता के लिए गहन बचाव और राहत अभियान में लगे हुए हैं।"
 
कल रात से लगातार हो रही भारी बारिश ने दार्जिलिंग जिले के कुछ हिस्सों, खासकर मिरिक और सुखिया पोखरी इलाकों में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है, जहाँ सड़कें और घर बह गए हैं।
 
भूस्खलन के कारण कई मार्गों, जिनमें प्रमुख ग्रामीण संपर्क मार्ग भी शामिल हैं, पर संपर्क बाधित हो गया है, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
 
एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रतिक्रिया टीमों की सहायता से स्थानीय प्रशासन के अधिकारी फंसे हुए ग्रामीणों को बचाने में लगे हुए हैं। कई परिवारों को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों से निकालकर अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया है। कुछ क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति और मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित हुए हैं।
 
 भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 24 घंटों में उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश का अनुमान जताया है और पहाड़ी इलाकों में और भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने की चेतावनी दी है। पश्चिम बंगाल सरकार ने ज़िला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है और सभी विभागों को प्रभावी आपदा प्रतिक्रिया के लिए केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय बनाए रखने का निर्देश दिया है।
 
दार्जिलिंग और उसके आसपास के पहाड़ी क्षेत्र अपने नाज़ुक भूभाग और वर्षों से हो रही वनों की कटाई के कारण मानसून के मौसम में भूस्खलन की चपेट में रहते हैं।
 
भूस्खलन के कारण वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है और आसपास के कई इलाकों से संचार संपर्क टूट गया है।