20 महीनों में 508 नक्सली मुख्यधारा में लौटे, दंतेवाड़ा में आज 37 ने हथियार डाले

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 30-11-2025
508 Naxalites returned to the mainstream in 20 months, 37 surrendered in Dantewada today.
508 Naxalites returned to the mainstream in 20 months, 37 surrendered in Dantewada today.

 

दंतेवाड़ा (छत्तीसगढ़)

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों की लगातार पहल और समाज में मुख्यधारा से जुड़ने की बढ़ती इच्छा के बीच 37 नक्सलियों ने रविवार को आत्मसमर्पण किया। इनमें 12 महिलाएँ शामिल हैं, जबकि 27 नक्सलियों पर कुल 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस ने इसे बस्तर क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता बताया है।

दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक गौरव राय के अनुसार, इन सभी नक्सलियों ने “पूना मारगेम” यानी "पुनर्वास से सामाजिक एकीकरण तक" नामक पहल के तहत पुलिस और सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया। बस्तर रेंज पुलिस द्वारा चलाई जा रही यह पहल नक्सल प्रभावित इलाकों में संवाद, भरोसा और अवसर प्रदान करके स्थायी शांति का रास्ता तैयार कर रही है।

आत्मसमर्पण करने वालों में कुमाली उर्फ अनीता मंडावी, गीता उर्फ लक्ष्मी मड़कम, रंजन उर्फ सोमा मंडावी और भीमा उर्फ जहाज कलमू शामिल हैं। इन सभी पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस के मुताबिक, ये सभी अलग-अलग इलाकों में नक्सली गतिविधियों के महत्वपूर्ण हिस्से माने जाते थे।

पुलिस ने बताया कि प्रदेश सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वालों को तत्काल 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता, कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि भूमि और अन्य पुनर्वास सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी, जिससे वे सम्मानजनक जीवन जी सकें और समाज से जुड़ सकें।

एसपी राय के अनुसार, दंतेवाड़ा जिले में पिछले 20 महीनों में 508 से अधिक नक्सली हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए हैं, जिनमें से 165 पर इनाम घोषित था। वहीं, पूरे छत्तीसगढ़ में पिछले 23 महीनों में 2,200 से ज़्यादा नक्सलियों का आत्मसमर्पण दर्ज किया गया है। इनमें कई शीर्ष नक्सली भी शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त करने का लक्ष्य रखा है, और दंतेवाड़ा में हाल के आत्मसमर्पणों को इस दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।