अहमदाबाद
गुजरात पुलिस की ‘शी टीम्स’ ने नवरात्रि पर्व से पहले राज्यभर में आयोजित गरबा क्लासेस में महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया। सीआईडी क्राइम, महिला प्रकोष्ठ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार ने जानकारी दी कि ये टीमें नवरात्रि कार्यक्रमों में भी मौजूद रहेंगी।
एडीजी अजय कुमार ने बताया, “गुजरात में कुल 733 शी टीम्स हैं। हर टीम में एक वाहन, तीन महिला पुलिसकर्मी और एक पुरुष स्टाफ शामिल है। यह एक सामुदायिक कार्यक्रम है। नवरात्रि के सभी कार्यक्रमों में शी टीम्स मौजूद रहेंगी। इनके कर्तव्यों में महिलाओं और बच्चों को ‘गुड-टच’ और ‘बैड-टच’ के बारे में जागरूक करना, आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना, काउंसलिंग करना और सुरक्षा से जुड़ी जागरूकता फैलाना शामिल है।”
पुलिस की ये टीमें हर साल गरबा कार्यक्रमों में गश्त भी करती हैं।
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली एक छात्रा ने कहा कि पुलिस ने उन्हें नवरात्रि के दौरान सुरक्षित रहने के तरीके बताए और पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। छात्रा करिश्मा परमार ने बताया, “पुलिस ने हमें जानकारी दी कि अगर किसी भी समय खतरा हो तो 112 डायल कर सकते हैं और पुलिस मदद के लिए तुरंत पहुंचेगी। यदि वाहन खराब हो जाए तो पुलिस घर तक छोड़ने की भी जिम्मेदारी लेगी। उन्होंने हमें भरोसा दिलाया है कि वे हर परिस्थिति में हमारी सुरक्षा करेंगे।”
संस्कृत में ‘नवरात्रि’ का अर्थ है ‘नौ रातें’, जो मां दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों (नवदुर्गा) की आराधना को समर्पित है। यह पर्व पूरे भारत में भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। नौ दिनों तक मां के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है, जो शक्ति, करुणा और ज्ञान के अलग-अलग पहलुओं का प्रतीक हैं। उपवास, भजन-कीर्तन और पारंपरिक नृत्य—गरबा और डांडिया—इस त्योहार की विशेष पहचान हैं।