बरेली जा रहे सांसद इमरान मसूद और विधायक शाहनवाज खान नज़रबंद

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 01-10-2025
MP Imran Masood and MLA Shahnawaz Khan, who were going to Bareilly, were placed under house arrest.
MP Imran Masood and MLA Shahnawaz Khan, who were going to Bareilly, were placed under house arrest.

 

सहारनपुर (उप्र)

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में कांग्रेस सांसद इमरान मसूद और समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक शाहनवाज खान को पिछले शुक्रवार को बरेली में हुई हिंसा के बाद वहां जाने से रोकने के लिए मंगलवार देर रात उनके घर में पुलिस ने नज़रबंद कर दिया। मसूद और खान के घरों के बाहर मंगलवार देर शाम से ही बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था।

गांधीवादी विचारधारा' के लोगों को रोका गया

सांसद इमरान मसूद ने बुधवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में प्रशासन के इस कदम पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा, "हम गांधी विचारधारा के लोग हैं। हम दोनों सुबह 6 बजकर 50 मिनट पर जाने वाली ट्रेन से बरेली जा रहे थे।

वहाँ हमें पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) और अन्य अधिकारियों से मुलाकात करनी थी और हमें डेढ़ बजे की ट्रेन से लौटना था। मगर हमें नज़रबंद करके हमारा रास्ता रोक दिया गया।"मसूद ने आरोप लगाया, "सरकार अपनी नाकामियां छुपाने के लिए तरह-तरह के हथकण्डे अपना रही है।"

प्रशासन पर 'असामान्य स्थिति' बनाने का आरोप

इस सवाल पर कि प्रशासन की दलील है कि राजनेताओं के बरेली जाने से वहाँ असामान्य स्थिति पैदा हो सकती है, मसूद ने पलटवार करते हुए कहा, "सरकार और पुलिस ने ही वहाँ की स्थिति 'असामान्य' बनाई है। सरकार मुसलमानों को निशाना बनाकर उन पर कार्रवाई कर रही है। क्या हमारे लिए एक कानून होगा और दूसरों के लिए दूसरा होगा?"

मसूद ने मौजूदा माहौल पर चिंता जताते हुए कहा कि देश में अगर इस तरह का माहौल चल रहा होगा तो "हमें होशियार होना पड़ेगा।"

फतेहपुर और मुजफ्फरनगर की घटनाओं पर सवाल

सांसद मसूद ने अन्य घटनाओं का हवाला देते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "फतेहपुर में जिस तरह मक़बरे में घुसकर मज़ार पर तोड़फोड़ और अराजकता हुई, तमाशा हुआ वहाँ, लोग बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसे और तोड़फोड़ की। वहाँ आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।"

उन्होंने आगे कहा, "मुजफ्फरनगर की सड़कों पर लोगों ने होटलों को लूट लिया लेकिन वहाँ कोई कार्यवाही नहीं हुई। पोस्टर लेकर कोई लड़का खड़ा हो गया तो क्या आप उसके हाथ पैर तोड़ देंगे? उस पोस्टर में तो किसी के लिए नफरत नहीं थी।"सांसद ने इन उदाहरणों के माध्यम से एकतरफा कार्रवाई और न्याय में भेदभाव का आरोप लगाया।