नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्टरी (एमसीएफ) ने 15 दिसंबर को अपना 15,000वां रेल कोच बनाकर भारतीय रेल के उत्पादन इतिहास में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है। रेल मंत्रालय ने सोमवार को इसकी आधिकारिक पुष्टि करते हुए इसे “कम समय में हासिल की गई उल्लेखनीय उपलब्धि” बताया।
रेल मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक एमसीएफ कुल 1,310 कोच का निर्माण कर चुका है, जो फैक्टरी की बढ़ती उत्पादन क्षमता और दक्षता को दर्शाता है।
अधिकारियों ने बताया कि लालगंज (रायबरेली) में वर्ष 2007 में स्थापित एमसीएफ, आज देश की सबसे उन्नत यात्री कोच निर्माण इकाइयों में शामिल है। करीब 3,192 करोड़ रुपये की लागत से विकसित इस फैक्टरी की वार्षिक उत्पादन क्षमता 1,000 कोच की है, जिसे समय के साथ और बेहतर बनाया गया है।
एमसीएफ का पहला पूर्ण रूप से इन-हाउस निर्मित कोच अगस्त 2014 में तैयार हुआ था। इसके बाद से फैक्टरी के उत्पादन में लगातार तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई। जहां 2014-15 में एमसीएफ ने केवल 140 कोच बनाए थे, वहीं 2024-25 में उत्पादन बढ़कर 2,025 कोच तक पहुंच गया, जो फैक्टरी के इतिहास का अब तक का सर्वाधिक वार्षिक उत्पादन है।
रेल मंत्रालय के अनुसार, अब तक निर्मित 15,000 कोचों में से करीब 7,000 वातानुकूलित (एसी) और 8,000 गैर-वातानुकूलित कोच शामिल हैं। इनमें हमसफर, तेजस, अंत्योदय, इकॉनमी कोच और अन्य आधुनिक रोलिंग स्टॉक शामिल हैं, जो यात्रियों को बेहतर सुविधा और सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा कि यह उपलब्धि एमसीएफ की टीम के समर्पण, तकनीकी दक्षता और सामूहिक प्रयासों का परिणाम है और यह भारतीय रेल के आधुनिकीकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है।