Migrant workers will travel miles to Bihar to exercise their right to vote in the festival of democracy.
आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
केरल में काम करने वाले बिहार के प्रवासी मजदूर वैसे तो हर साल दिवाली और छठ पूजा पर अपने राज्य जाते ही हैं लेकिन इस बार कई मजदूर चुनावी पर्व में हिस्सा लेने के उद्देश्य से भी मीलों दूरी तय कर अपने राज्य जाएंगे।
प्रवासी मजूदर बिपेश कुमार यादव का मन भी अपने गृह राज्य बिहार में होने वाले आगामी चुनाव पर लगा हुआ है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के समर्थक यादव हालांकि इस साल वोट के जरिए अपना यह समर्थन नहीं दे पाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यहां एक महीने पहले ही काम शुरू किया है। अभी छुट्टी मांगना उचित नहीं होगा। लेकिन मेरे चार सहकर्मी अगले हफ्ते दिवाली, छठ पूजा मनाने और वोट देने के लिए घर जा रहे हैं।’’
चुनाव में मुख्य मुद्दों के बारे में पूछे जाने पर अररिया जिले के निवासी यादव ने कहा कि रोजगार सबसे बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के युवाओं को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता है। हमारे राज्य में पर्याप्त अवसर नहीं हैं। यहां आने से पहले मैं दो अन्य राज्यों में काम कर चुका हूं।’’