नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशवासियों को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और सभी के जीवन में सौहार्द, सुख-समृद्धि और सकारात्मकता के प्रकाश की कामना की।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
"दिवाली के इस पावन अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। यह प्रकाश पर्व हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और सौहार्द की रोशनी भर दे। चारों ओर सकारात्मकता का संचार हो, यही मेरी कामना है।"
प्रधानमंत्री ने दिवाली के अवसर पर देशवासियों से स्वदेशी उत्पाद खरीदने और स्थानीय कारीगरों और निर्माताओं का समर्थन करने की भी अपील की।
उन्होंने लिखा:"इस त्योहार को 140 करोड़ देशवासियों की मेहनत, रचनात्मकता और नवाचार का उत्सव बनाएं। भारतीय उत्पाद खरीदें और गर्व से कहें—‘यह स्वदेशी है’। आपने जो खरीदा है, उसे सोशल मीडिया पर साझा करें ताकि अन्य लोग भी प्रेरित हों और आत्मनिर्भर भारत की इस मुहिम में भागीदार बनें।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह पर्व "सत्य, धर्म और सकारात्मकता की शाश्वत विजय" का प्रतीक है।
उन्होंने लिखा:"प्रकाश पर्व दीपावली की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। यह केवल दीप प्रज्वलन का पर्व नहीं, बल्कि आत्मा में आशा की किरण, समाज में समरसता की धड़कन और राष्ट्रीय पुनर्जागरण का संकल्प है। मेरी प्रार्थना है कि प्रभु श्रीराम और माता जानकी की कृपा से न केवल हमारे घर, बल्कि हमारे अंतर्मन भी आलोकित हों, और हर जीवन में श्रद्धा, उत्साह व ऊर्जा का दीप प्रज्वलित हो। जय जय सियाराम!"
दूसरी ओर, अयोध्या ने इस बार का दीपोत्सव एक ऐतिहासिक उपलब्धि में बदल दिया। सरयू तट पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में 26 लाख से अधिक दीपक जलाकर अयोध्या ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान बना लिया।
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस समारोह में कुल 2,617,215 दीयों को जलाया गया, जो कि अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
इस आयोजन में 30,000 से अधिक स्वयंसेवकों—विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और विभिन्न विभागों से—ने हिस्सा लिया और दीयों को सटीक पैटर्न में सजाकर रोशनी की अनुपम छटा बिखेरी।
गिनीज रिकॉर्ड टीम ने विशेष व्यवस्था के तहत दीयों की गिनती और सत्यापन किया।
इसके साथ ही, 17 अक्टूबर की शाम आयोजित सरयू आरती में 2,128 श्रद्धालुओं ने एक साथ आरती कर आध्यात्मिक वातावरण को और भी दिव्य बना दिया।