आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
बरेली हिंसा के सिलसिले में फतेहगढ़ केंद्रीय कारागार में बंद मौलाना तौकीर रजा पर उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की एक सहकारी समिति का 28,000 रुपये से अधिक बकाया है और इस राशि को वसूलने के प्रयास जारी हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
सहकारी समिति के अधिकारियों ने बताया कि तौकीर रजा ने 1997 में जिले के रसूलपुर पुठी में साधन सहकारी समिति से 5,055 रुपये का कर्ज लिया था जो अब बढ़कर 28,346 रुपये हो गया है।
समिति के सचिव हृदयेश कुमार सिंह ने बताया कि जब वह समिति के ऋण चूककर्ताओं की सूची की समीक्षा कर रहे थे तभी उन्हें मौलाना तौकीर रजा का नाम मिला।
उन्होंने बताया कि आगे की जांच में पता चला कि यह वही मौलाना तौकीर रजा हैं जिनका नाम बरेली हिंसा के सिलसिले में सामने आया था।
सिंह ने बताया कि 1997 से पहले मौलाना तौकीर रजा ने रसूलपुर पुठी से खाद के लिए 5,055 रुपये का कर्ज लिया था लेकिन कई नोटिस के बावजूद उन्होंने कर्ज नहीं चुकाया जो अब बढ़कर 28,346 रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि तौकीर और उनका परिवार अपनी जमीन बेचकर गांव से चले गए हैं।
सिंह ने बताया कि इस मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है और कर्ज की रकम जल्द ही वसूल कर ली जाएगी।
बदायूं के जिलाधिकारी अवनीश राय ने बताया कि उन्हें आज पता चला कि रजा पर साधन सहकारी समिति का 28,000 रुपये से अधिक बकाया है।
राय ने बताया कि सहकारिता के सहायक रजिस्ट्रार को सचिव से मामले की जानकारी मिली है कि बकाया कर्ज की रकम वसूलने के लिए तौकीर रजा को जल्द ही नोटिस भेजा जाएगा।
सहकारिता के सहायक रजिस्ट्रार मुन्नालाल मिश्रा ने बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि तौकीर रजा ने खाद खरीदने के लिए एक सहकारी समिति से धन उधार लिया था जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और जल्द ही नोटिस भेजकर वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद "आई लव मुहम्मद" के पोस्टर के संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के बाद तनाव फैल गया था। इस हिंसा में कई लोग घायल हो गए थे।
हिंसा के इस मामले में बुधवार को दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया जिससे रजा सहित इस मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 88 हो गई।