सितंबर में विनिर्माण गतिविधियों में सुस्ती, पीएमआई चार महीने के निचले स्तर पर

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-10-2025
Manufacturing activity slows in September, PMI hits four-month low
Manufacturing activity slows in September, PMI hits four-month low

 

नई दिल्ली

देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सितंबर माह के दौरान गिरावट देखने को मिली। नए ऑर्डर, उत्पादन और कच्चे माल की खरीद में आई मंदी के कारण विनिर्माण क्षेत्र चार महीने के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।

एचएसबीसी के मासिक सर्वेक्षण के मुताबिक, मौसमी रूप से समायोजित भारत विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (PMI) अगस्त में 59.3 था, जो सितंबर में घटकर 57.7 पर आ गया। यह मई के बाद का सबसे कमजोर प्रदर्शन है। हालांकि, कर राहतों और जीएसटी दरों में बदलाव ने भविष्य की व्यापारिक संभावनाओं के प्रति उम्मीदें बढ़ाई हैं।

गौरतलब है कि पीएमआई में 50 से ऊपर का स्कोर आर्थिक गतिविधियों में विस्तार का संकेत देता है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।एचएसबीसी की मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “सितंबर में मुख्य सूचकांक में थोड़ी नरमी आई है, लेकिन यह अब भी दीर्घकालिक औसत से काफी ऊपर बना हुआ है।”

सर्वेक्षण में यह भी बताया गया कि भारत का विनिर्माण उद्योग लगातार बढ़ रहा है, लेकिन वृद्धि की रफ्तार में कुछ कमी देखी गई है। इसके पीछे बढ़ती प्रतिस्पर्धा को एक बड़ा कारण माना गया है।

हालांकि, दूसरी तिमाही के अंत में अंतरराष्ट्रीय मांग में सुधार देखा गया है। एशिया, यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया से मिले ऑर्डरों ने विदेशी व्यापार को बल दिया है।भंडारी ने बताया कि, “सितंबर में नए निर्यात ऑर्डरों में तेज वृद्धि हुई है। इससे संकेत मिलता है कि अमेरिका से मांग में गिरावट की भरपाई अन्य देशों की मजबूत मांग से हो सकती है।”

उत्पादन के भविष्य को लेकर कंपनियों में विश्वास बना हुआ है। अगले 12 महीनों के लिए कंपनियों ने सकारात्मक पूर्वानुमान जारी किए हैं। आत्मविश्वास का स्तर भी सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

रोजगार के क्षेत्र में सितंबर में कुछ नई भर्तियां जरूर हुईं, लेकिन रोजगार सृजन की रफ्तार बेहद धीमी रही। सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 2 प्रतिशत कंपनियों ने ही कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि की जानकारी दी।