Mahabharata period site where Draupadi performed Chhath Puja, faith is linked to the history of Pandavas
समस्तीपुर
बिहार के समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड में स्थित भगवानपुर कमला गांव का देवखाल चौर महाभारत कालीन इतिहास से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थल है.
यह स्थान पांडवों के लाक्षागृह कांड से संबंधित माना जाता है, जहां से पांडवों ने सुरंग के माध्यम से निकलकर जान बचाई थी. इस घटना के बाद, कार्तिक मास में द्रोपदी ने इसी घाट पर छठ पूजा की थी.
स्थानीय मान्यता के अनुसार, पांडव स्थान (पांड़) में हुए लक्षागृह कांड के दौरान द्रोपदी ने देवखाल चौर के सीढ़ी घाट पर छठ पूजा की थी. कहा जाता है कि उस समय दैविय शक्तियों के कारण इस चौर में पानी कभी नहीं सूखता था, भले ही आसपास के क्षेत्रों में सूखा पड़ा हो. यही कारण है कि कमला और आस-पास के लोग यहां छठ पर्व मनाने के लिए आते हैं.
गांव के निवासी प्रो. राजेश कुमार बताते हैं कि हमारे पूर्वजों से सुना गया है कि पांडवों ने यहीं से भागकर अपनी जान बचाई थी. द्रोपदी ने यहां पर छठ पूजा की थी. उन्होंने यह भी बताया कि देवखाल चौर की मिट्टी उर्वरा शक्ति से भरी हुई है और यहां जयमंगला स्थान भी है, जो केवल बिहार में दो जगहों पर स्थित है. उनका कहना है कि इस स्थल का ऐतिहासिक महत्व है और इसे एक पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.
अधिवक्ता चंद्रकांत सिंह ने बताया कि इस स्थल की ऐतिहासिक महत्व के कारण लोगों की आस्था बढ़ी है. हाल ही में, पर्यटन विभाग की टीम ने इस स्थल का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि पूर्वजों के अनुसार, यहां एक सुरंग थी, जो बाद में कटाव के कारण बंद हो गई. लेकिन लोग इस घाट पर अपनी आस्था के साथ छठ पूजा करते हैं.
स्थानीय समाजसेवी राजू सहनी ने अपने निजी फंड से घाटों का जीर्णोद्धार कराया है, जिससे लोगों को पूजा-पाठ में सुविधा हो सके. उनका मानना है कि इस स्थान का विकास होना चाहिए ताकि और अधिक लोग इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को समझ सकें.