रायपुर
छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB)/इकोनॉमिक ऑफ़ेन्स विंग (EOW) ने कथित शराब घोटाले के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया।
चैतन्य बघेल को पहले 18 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था, जो कथित शराब घोटाले से जुड़ा था। तब से वह न्यायिक हिरासत में हैं और जेल में हैं। बुधवार को ACB/EOW के अधिकारियों ने उनके प्रोडक्शन वारंट के तहत उन्हें कोर्ट में पेश किया।
चैतन्य और अन्य आरोपी दीपेन चावड़ा को विशेष अदालत (Prevention of Corruption Act) में पेश किया गया, जिसने उन्हें 6 अक्टूबर तक ACB/EOW की हिरासत में रखने का आदेश दिया।
ACB/EOW ने जनवरी 2024 में इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इस कथित शराब घोटाले की राशि 2,500 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है, जो 2019 से 2022 के बीच कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई थी।
चैतन्य के वकील फैसल रिजवी ने आरोप लगाया कि उनके बिना किसी ठोस सबूत के गिरफ्तारी की गई, और यह दबाव बनाने की रणनीति के तहत किया गया। उन्होंने कहा कि अब तक दर्ज मुख्य चार्जशीट और सहायक चार्जशीटों में चैतन्य का नाम शामिल नहीं है।
प्रवर्तन निदेशालय ने 15 सितंबर को रायपुर की विशेष अदालत में चौथी सहायक चार्जशीट दायर की, जिसमें दावा किया गया कि चैतन्य बघेल कथित शराब घोटाले के पीछे संचालित सिंडिकेट के प्रमुख थे और उन्होंने लगभग 1,000 करोड़ रुपये की राशि सीधे नियंत्रित की।
ED ने आरोप लगाया कि चैतन्य ने इस राशि को छिपाने, रखने, अर्जित करने और उपयोग करने में जानबूझकर सहयोग किया और सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के साथ साजिश में कार्य किया।
इस घोटाले में पहले से गिरफ्तार अन्य आरोपियों में पूर्व शराब मंत्री कवासी लखमा, व्यवसायी अनवर ढेबर, पूर्व IAS अधिकारी अनिल तुतेजा और ITS अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी शामिल हैं।
चैतन्य की गिरफ्तारी उनके भिलाई स्थित आवास पर तलाशी के बाद की गई, जिसे वे अपने पिता भूपेश बघेल के साथ साझा करते हैं।