गडग. कर्नाटक के गडग जिले में एक मुस्लिम जोड़े ने एक हिंदू संत को आमंत्रित किया और शुक्रवार को ‘पादपूजा’ किया. ‘पादपूजा’ ऐसा अनुष्ठान है, जो स्वयं को एक गुरु के प्रति आत्मसमर्पण करने का प्रतीक है. गडग शहर की हुडको कॉलोनी में रहने वाले सिकंदर बडेखान के परिवार के सदस्यों ने अपने घर धारवाड़ जिले के क्याराकोप्पा में ओंकार आश्रम के स्वरूपानंद स्वामीजी को आमंत्रित किया और पादपूजा की. सिकंदर बडेखान एक सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं.
परिवार के सभी सदस्यों ने स्वामीजी के चरणों की पूजा की और बाद में घर में ओउम् नमः शिवाय मंत्र का जाप किया. बाद में, स्वामीजी ने घर पर प्रसाद (दोपहर का भोजन) लिया. गडग जिले के कई मुस्लिम परिवार स्वरूपानंद स्वामीजी का अनुसरण करते हैं. सिकंदर बडेखान कई वर्षों से स्वामी जी को अपने घर आमंत्रित करते आ रहे हैं.
उत्तर कर्नाटक क्षेत्र सदियों से राज्य में धार्मिक सहिष्णुता और सौहार्दपूर्ण जीवन के लिए जाना जाता है. अन्य स्थानों के विपरीत, अधिकांश गांवों में हिंदू और मुस्लिम एक साथ रहते हैं. गौरतलब है कि अधिकारियों ने इसका विरोध करने वाले लोगों के एक वर्ग के बावजूद करगा उत्सव के दौरान बेंगलुरु में एक दरगाह पर धार्मिक जुलूस की पुरानी परंपरा को बनाए रखा. इसी तरह, बेलूर की ऐतिहासिक चेन्नाकेशव रथ यात्रा में भी विरोध के बावजूद रथ यात्रा शुरू होने से पहले कुरान पढ़ने की रस्म अदा की गई.
राज्य में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच प्रतिशोध की हत्याओं की बढ़ती घटनाओं के परेशान करने वाले घटनाक्रम देखे जा रहे हैं. ऐसे में लोग समाज को एकता का संदेश देने के लिए मुस्लिम परिवार और हिंदू धर्मगुरु के भाव की सराहना कर रहे हैं.