जमीयत उलेमा-ए-हिन्द का 'अवक़ाफ़ संरक्षण दिवस' आज

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 29-03-2024
Jamiat Ulema-e-Hind's 'Awqaf Protection Day' today
Jamiat Ulema-e-Hind's 'Awqaf Protection Day' today

 

 मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली

जमीएत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने देश भर की मस्जिदों के इमामों, खुतबा (संबोधन करने वाले) और पदाधिकारियों से अपील की है कि वह 29मार्च, 2024शुक्रवार (जुमे के दिन) को "अवक़ाफ़ संरक्षण दिवस" के रूप में मनाएं. मौलाना मदनी ने कहा कि वक्फ विशुद्ध रूप से अल्लाह की संपत्ति है. इस्लाम धर्म में वक्फ के बहुत महान उद्देश्य हैं, खासकर मानवता का कल्याण, जरूरतमंदों, विकलांगों और विधवाओं के भरण-पोषण का यह एक साधन है.

जमीयत उलेमा ए हिंद का यह ऐलान ऐसे समय आया है, जब मस्जिदों के फुल होने पर सड़कों पर नमाज पढ़ने के क्रम में कई जगह विवाद सामने आए हैं.हरियाणा की साइबर सिटी ग्रुरूग्राम में गिनी चुनी मस्जिदें हैं. ऐसे में इस शहर में रहने वाले और आसपास के शहरों से काम के सिलसिले मंे यहां आने वाले सड़कों पर जुमे की नमाज पढ़ने को मजबूर हैं.

इस बीच कट्टरवादी संगठनों ने इसे लेकर ऐसी साजिश रची कि खट्टर सरकार ने गुरूग्राम में 80 जगहों पर खुले में जुमे की दिन पढ़ी जाने वाली नमाज बंद कर दी गई. इस मसले पर दिल्ली में रमजान की शुरूआत में एक पुलिस अधिकारी द्वारा सड़क पर नमाज पढ़ते एक व्यक्ति को लात मारने की घटना सामने आई थी.

भारत में पांच लाख वक्फ संपत्तियों...

मौलाना मदनी ने अपने बयान में कहा कि दुर्भाग्यवश भारत में पांच लाख वक्फ संपत्तियों के बावजूद मुसलमान अत्यंत दयनीय स्थिति में हैं. यह संपत्तियां सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों और अवैध कब्जा करने वालों के कब्जे में हैं. दूसरी ओर हमारी मस्जिदों, दरगाहों और इबादत स्थलों को सरकारी संस्थान अपना बताकर ध्वस्त कर रहे हैं.

अवक़ाफ़ की सुरक्षा के लिए देशव्यापी संघर्ष

इन परिस्थितियों को देखते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी परंपरा के अनुरूप अवक़ाफ़ की सुरक्षा के लिए देशव्यापी संघर्ष की घोषणा की है. इस संबंध में जमीयत उलमा-ए-हिंद के शोबा-ए-तहफ्फुज अवकाफ (अवकाफ संरक्षण विभाग) का पुनर्गठन भी किया गया है.

वक्फ़ के जागरूक के लिए खुत्बे का मसौदा

अवकाफ संरक्षण दिवस के संबंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने एक सर्कुलर भी जारी किया है. इसके साथ ही इमामों के अध्ययन के लिए एक खुत्बे का मसौदा भी तैयार किया है, ताकि इसके आलोक में वक्फ जागरूकता के विषय पर संबोधित किया जाए.

बयान के मुताबिक, जमीयत उलेमा-ए-हिंद वाक़्फ़ीन (वक्फ करने वालों) का भी ध्यान आकर्षित कर रही है कि वह अपने लिए और अपने दिवंगत माता-पिता के लिए वक्फ करने का सिलसिला जारी रखें.