सेराज अनवर/पटना
परिवार समृद्ध समाज की बुनियादी,व्यावहारिक और संरचनात्मक इकाई होता है. स्वस्थ समाज,परिवार का सशक्त और स्थिर होना ज़रूरी है. परिवार वह जगह है,जहां व्यक्ति अपने निकट सम्बन्धियों के साथ मिल-जुल कर जीवन बिताना सीखता है.जिसके फलस्वरूप समाज स्थिरता आती है. जमात ए इस्लामी हिंद इस अवधारणा के साथ 19 फरवरी से देशव्यापी ‘सशक्त परिवार,सशक्त समाज’ अभियान का आग़ाज़ करने जा रही है.
इस संदर्भ में जमात- ए- इस्लामी बिहार चैप्टर ने बुद्धिजीवी मुसलमानों और उर्दू सहाफ़ियों के साथ एक बैठक की.जमात ए इस्लामी बिहार के अमीर मौलाना रिज़वान अहमद इसलाही ने बताया कि परिवार की ख़ुशहाली के लिए ज़रूरी है, घरेलू सदस्यों की बेहतर रहनुमाई की जाये.
परिवार ऐसी संस्था है, जहां प्रेम और करुणा जैसे सामाजिक मूल्य पनपते हैं. एक दूसरे के साथ ज़िम्मेदारी, भागीदारी, जुड़ाव और एक दूसरे के प्रति सभी मामलों में उत्तरदायित्व जैसे नैतिक मूल्य विकसित होते हैं.मौलाना रिज़वान ने कहा कि आज के ट्रेंड में परिवारों की बदलती हुई कई तरह की क़िस्में देखने को मिलती हैं. संयुक्त परिवारों का एकल परिवारों में परिवर्तित होना हम जानते हैं, लेकिन आज हम सिंगल पेरेंट परिवार,बिन बच्चे का परिवार, समलैंगिक परिवार और भी बहुत कुछ देख रहे हैं. प्रश्न है कि क्या परिवार के बदलते रूप एक स्वस्थ समाज के प्रतीक हैं?
परिवारों को सशक्त बनाने की यह मुहिम 19 फरवरी से 28 फरवरी तक दस दिनों तक चलेगी. इस अभियान की ज़िम्मेवारी जमात ने अपने महिला विंग को सौंपा है. बैठक में अभियान की बिहार संयोजक डॉ.जिबाइश फिरदौस मौजूद थीं. उन्होंने मुहिम के दौरान कार्यक्रम का वृतांत रखा.
जमात ए इस्लामी हिंद 19 फरवरी से देशव्यापी ‘सशक्त परिवार,सशक्त समाज’ अभियान का आग़ाज़ करने जा रही है
उन्होंने बताया कि 10 दिनों के दौरान परिवार के प्रति समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम से सम्बंधित सेमिनार का आयोजन किया जाएगा,जिसमें सभी धर्म के लोगों की भागीदारी तय है. इसके अलावा सशक्त परिवार,सशक्त समाज के विषय पर जुमा की तक़रीर होगी.
डॉ.फिरदौस ने उम्मीद जतायी है कि मुहिम से मुल्क में मौजूदा सामाजिक बुराईयों को मिलजुल कर दूर करने का मौक़ा मिलेगा . सद्भाव और भाईचारा का माहौल क़ायम होगा.
बैठक में मशविरा आया कि इस मुहिम में झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले को भी शामिल किया जाये. बैठक में रियाज़ अज़ीमाबादी,रेहान गनी,जावेद अख़्तर,राशिद अहमद,इमरान सग़ीर,ज़रीं फातमा,अनवारुल होदा,इरशादुल हक़,नेमतुल्लाह,साजिद परवेज़,अनवारुल्लाह,सिमाब अख़्तर आदि मौजूद थे.