आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
जमात-ए-इस्लामी हिंद (JIH) के अध्यक्ष सैयद सादतुल्लाह हुसैनी ने प्रेस वार्ता में देश के मौजूदा हालात पर गंभीर चिंता व्यक्त की और सरकार से त्वरित हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने कहा कि JIH हर प्रकार के चरमपंथ, उग्रवाद और हिंसा की कड़ी निंदा करता है। लालकिले के निकट हुए धमाके और श्रीनगर के नौगाम थाने में हुई घातक आयुध विस्फोट की घटनाओं पर उन्होंने गहरी पीड़ा जताई और कहा कि बार-बार सामने आ रही सुरक्षा चूकें राष्ट्रीय सुरक्षा ढाँचे में गहरी कमजोरियों की ओर संकेत करती हैं। उन्होंने मीडिया के एक हिस्से द्वारा समुदायों को निशाना बनाने और सामूहिक बदनामी फैलाने की प्रवृत्ति पर भी चिंता जताई, जिसे उन्होंने सामाजिक सौहार्द के लिए हानिकारक बताया।
दिल्ली और उत्तरी भारत में गंभीर हो चुके वायु प्रदूषण पर हुसैनी ने विज्ञान-आधारित, वर्षभर लागू रहने वाली व्यापक नीति की आवश्यकता बताई। उन्होंने केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल, औद्योगिक-वाहन उत्सर्जन पर सख्त नियंत्रण, किसानों के लिए व्यावहारिक विकल्प और स्वच्छ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की मांग की।
वक़्फ़ रजिस्ट्रेशन पर उन्होंने JIH की पहल—केंद्रीय वक़्फ़ हेल्प डेस्क, राज्य सेल और 150 प्रशिक्षित स्वयंसेवकों—का उल्लेख किया और सरकार से अंतिम तिथि बढ़ाने तथा पोर्टल की तकनीकी खामियों को तुरंत दूर करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने वक़्फ़ संशोधन अधिनियम को मूल अधिकारों के उल्लंघन के आधार पर नकारा।
स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (SIR) को लेकर उन्होंने भारी कार्यभार, स्वास्थ्य जोखिम और प्रक्रियागत अस्पष्टता पर गंभीर सवाल उठाए। JIH ने चुनाव आयोग से पारदर्शिता, कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने, समयसीमा विस्तार और सुरक्षित कार्य व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की।