फ्लोरिडा/बेंगलुरु
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बन चुके हैं, ने अंतरिक्ष से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "यह एक अद्भुत यात्रा रही है। यह एक विशेषाधिकार है कि मुझे पृथ्वी को उस ऊंचाई से देखने का अवसर मिला, जो बहुत कम लोगों को नसीब होता है।"
Axiom Space द्वारा अपने ऐतिहासिक मिशन Ax-4 की उपलब्धियों को उजागर करते हुए कहा गया कि यह मिशन निम्न-पृथ्वी कक्षा (LEO) तक वैश्विक पहुंच बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एजेंसी ने अपने X (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में लिखा, "हम ऐसे अंतरिक्षीय बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं जो अन्वेषण को गति देगा और हर मानव के लाभ के लिए एक समृद्ध अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।"
Axiom ने इस मिशन में ISRO, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA), पोलैंड की स्पेस एजेंसी POLSA, और पोलैंड के विकास एवं तकनीकी मंत्रालय जैसे वैश्विक भागीदारों को टैग करते हुए इसे "मानवता के लिए एक कदम आगे" बताया।
छात्रों से संवाद, अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर
4 जुलाई को शुभांशु शुक्ला ने कर्नाटक स्थित यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) के छात्रों से हैम रेडियो के ज़रिए संवाद किया। उन्होंने ISS पर जीवन, कामकाज, शारीरिक चुनौतियों, और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अहमियत के बारे में बताया।
उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय सहयोग ऐसे मिशनों की सफलता की कुंजी है — चाहे वह ISS हो या Axiom-4। ISRO, NASA, SpaceX, Axiom... सभी मिलकर इस मिशन को संभव बना रहे हैं।"
अंतरिक्ष में भारतीय स्वाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान
शुक्ला ने बताया कि उन्होंने अपने साथ अंतरिक्ष में तीन भारतीय मिठाइयां भी ले जाईं — आम रस, गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा। उन्होंने हंसते हुए कहा, "सभी को बहुत पसंद आया। मेरे साथी अंतरिक्षयात्रियों ने भारत के स्वाद को बड़े उत्साह से स्वीकार किया।"
उन्होंने कहा, "विभिन्न देशों और संस्कृतियों से आए लोगों के साथ काम करना बहुत रोमांचक अनुभव है। हालांकि, यहां सबसे कठिन काम है – नींद लेना, क्योंकि चारों तरफ उत्साह और हलचल रहती है। लेकिन विश्राम ज़रूरी है।"
पृथ्वी का दृश्य: एक जीवन बदल देने वाला अनुभव
उन्होंने बताया, "अंतरिक्ष में सबसे रोमांचक क्षण वह होता है जब आप ऊपर से पृथ्वी की ओर देखते हैं। यह आपको एहसास कराता है कि इस ग्रह पर जन्म लेना कितनी बड़ी सौभाग्य की बात है।"
ऐतिहासिक मिशन की बारीकियां
Axiom Mission 4 (Ax-4) के मिशन पायलट के रूप में शुभांशु शुक्ला ने 25 जून को स्पेसX के फाल्कन-9 रॉकेट से उड़ान भरी थी, जो 26 जून को भारतीय समयानुसार 4:05 बजे ISS से सफलतापूर्वक जुड़ा।
Ax-4 दल में शामिल अन्य सदस्य हैं:
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पेगी व्हिटसन (पूर्व NASA अंतरिक्ष यात्री)
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स्लावोस्ज उज्नांस्की-विश्निव्स्की (ESA, पोलैंड)
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टिबोर कापू (हंगरी)
मिशन की अवधि लगभग 14 दिन निर्धारित की गई है। अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने के बाद Ax-4 दल को Expedition 73 के सात सदस्यीय दल ने स्वागत किया और सुरक्षा ब्रीफिंग दी गई।
शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री हैं, उनसे पहले राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष गए थे। Axiom Space के इस मिशन ने भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है।