गाजा में नरसंहार का ज़िम्मेदार इज़राइल: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों की रिपोर्ट

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 16-09-2025
Israel responsible for genocide in Gaza: UN human rights experts report
Israel responsible for genocide in Gaza: UN human rights experts report

 

जिनेवा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक टीम ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में गाजा में नरसंहार के लिए इज़राइल को ज़िम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस स्थिति को रोकने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की गई है।

यह रिपोर्ट तीन सदस्यीय 'जांच आयोग' द्वारा तैयार की गई है और इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार पर अब तक के सबसे गंभीर आरोपों में से एक मानी जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, हमास के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में हजारों फिलिस्तीनियों की जानें गई हैं।

इज़राइल ने रिपोर्ट को बताया "झूठ का पुलिंदा"

इज़राइल ने इस रिपोर्ट को "झूठी और भ्रामक" बताते हुए खारिज कर दिया है। उसका कहना है कि यह रिपोर्ट तथ्यों को तोड़-मरोड़कर बनाई गई है और इसका उद्देश्य इज़राइल को बदनाम करना है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि आयोग ने 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़राइल पर किए गए हमले के बाद से गाजा और अन्य फिलिस्तीनी क्षेत्रों में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों का विस्तार से दस्तावेजीकरण किया है।

रिपोर्ट की कानूनी समीक्षा और निष्कर्ष

कानूनी दृष्टिकोण से जांचने के बाद रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि इज़राइल ने 1948 में स्वीकृत 'जीनोसाइड कन्वेंशन' के तहत परिभाषित पांच में से चार प्रकार के नरसंहारक कृत्य किए हैं। यह कन्वेंशन द्वितीय विश्व युद्ध और होलोकॉस्ट की त्रासदी के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया था।

आयोग की अध्यक्ष और संयुक्त राष्ट्र की पूर्व मानवाधिकार प्रमुख नवी पिल्लै ने कहा:“आयोग का मानना है कि गाजा में हो रहे नरसंहार के लिए इज़राइल ज़िम्मेदार है। यह स्पष्ट है कि इज़राइल द्वारा किए गए कार्य गाजा के फिलिस्तीनी लोगों को नष्ट करने की मंशा को दर्शाते हैं।”

उन्होंने यह भी कहा कि इन "अत्याचारपूर्ण अपराधों की ज़िम्मेदारी इज़राइल के उच्चतम स्तर के नेताओं" पर है।

नेतन्याहू, हर्ज़ोग और गैलेंट पर लगे गंभीर आरोप

रिपोर्ट में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट पर नरसंहार के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि रिपोर्ट ने अन्य नेताओं की भूमिका का विस्तृत आकलन नहीं किया।

इज़राइल ने आरोपों को "यहूदी-विरोधी" बताया

इज़राइल, जिसकी स्थापना स्वयं एक ऐतिहासिक नरसंहार के बाद हुई थी, ने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को यहूदी-विरोधी मानसिकता से प्रेरित बताया है। इज़राइल के विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट पर नाराज़गी जताते हुए एक कड़ा बयान जारी किया:“हम इस रिपोर्ट को पूरी तरह खारिज करते हैं। यह तथ्यहीन, पक्षपातपूर्ण और इज़राइल को बदनाम करने की साजिश है।”

आयोग का कार्यकाल समाप्त

यह रिपोर्ट आयोग का अंतिम वक्तव्य भी मानी जा रही है, क्योंकि टीम के सभी तीन सदस्य — नवी पिल्लै समेत — जुलाई में व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने की घोषणा कर चुके हैं। हालांकि यह आयोग संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के अंतर्गत कार्य करता है, फिर भी यह संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक राय नहीं मानी जाती। लेकिन इसके निष्कर्षों को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) या अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में प्रस्तुत किया जा सकता है।