नई दिल्ली
वैश्विक स्तर पर मजबूत संकेतों, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और कमजोर डॉलर के चलते मंगलवार को घरेलू वायदा बाजार में सोने की कीमत में जबरदस्त तेजी दर्ज की गई। नतीजतन, सोना 384 रुपये बढ़कर ₹1,10,563 प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर अक्टूबर डिलिवरी वाले सोने का वायदा भाव 0.34% या 384 रुपये की बढ़त के साथ ₹1,10,563 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले, यह अनुबंध पिछले सत्र में ₹1,10,330 के स्तर तक गया था।
इसी तरह, दिसंबर डिलिवरी वाले सोने का वायदा भाव भी 418 रुपये या 0.37% चढ़कर ₹1,11,655 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो इसका नया उच्चतम स्तर है। पहले यह अनुबंध ₹1,11,350 प्रति 10 ग्राम तक गया था।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कीमती धातु विश्लेषक मानव मोदी ने बताया,“फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले डॉलर में कमजोरी और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट के चलते सोने की मांग बढ़ी है। निवेशक यह उम्मीद कर रहे हैं कि फेड ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, जिससे सोने की कीमतों को और सहारा मिला है।”
डॉलर सूचकांक, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को दर्शाता है, 0.34% गिरकर 96.97 पर आ गया है। इससे भी सोने की कीमतों को समर्थन मिला।
मानव मोदी ने आगे कहा,“बाजार की नजरें इस सप्ताह फेड चेयरमैन जेरोम पावेल के बयानों और नीति अनुमान पर टिकी हैं। माना जा रहा है कि ब्याज दरों में 0.25% की कटौती हो सकती है। साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पावेल से 'बड़ी' कटौती करने की सार्वजनिक अपील की है।”
वैश्विक बाजारों में भी सोने का वायदा भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया और यह $3,736.97 प्रति औंस पर दर्ज किया गया। साथ ही, पश्चिम एशिया और यूक्रेन में बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों ने भी सोने की कीमतों को तेजी देने में भूमिका निभाई।
इस बीच, अमेरिका में एक अपील अदालत ने राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा फेडरल रिजर्व की गवर्नर लीजा कुक को हटाने की कोशिश को खारिज कर दिया, जिसे केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता पर खतरे के रूप में देखा जा रहा है — जिससे बाजारों में और अनिश्चितता बढ़ गई है।