वर्ष 2025 में भारतीय बैडमिंटन: सेन, सात्विक, चिराग का अच्छा प्रदर्शन, युवा खिलाड़ियों ने जगाई उम्मीद

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 28-12-2025
Indian badminton in 2025: Sen, Satwik, Chirag perform well, young players raise hopes
Indian badminton in 2025: Sen, Satwik, Chirag perform well, young players raise hopes

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
भारतीय बैडमिंटन के लिए वर्ष 2025 उतार चढ़ाव वाला रहा जिसमें कई प्रमुख खिलाड़ियों को फॉर्म हासिल करने के लिए जूझना पड़ा, लेकिन लक्ष्य सेन का एक खिताब, सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी का विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतना और युवा खिलाड़ियों की शानदार प्रगति ने उम्मीद की किरण भी जगाई।
 
भारतीय खिलाड़ियों को इस वर्ष फिटनेस से जुड़ी समस्याओं से भी जूझना पड़ा जिसका असर उनके प्रदर्शन पर भी पड़ा। इस सत्र में भारतीय खिलाड़ियों की सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तिगत उपलब्धि सेन की ऑस्ट्रेलियाई ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट में खिताबी जीत रही।
 
सेन ने 2023 में कनाडा ओपन के बाद पहली बार सुपर 500 खिताब जीता और पिछले साल दिसंबर में सैयद मोदी इंटरनेशनल सुपर 300 जीतने के बाद यह उनका पहला खिताब था। हांगकांग ओपन में वह उपविजेता रहे थे।
 
सात्विक और चिराग ने सत्र की शुरुआत में चोट और बीमारी से जूझने के बावजूद भारत की प्रमुख युगल जोड़ी के रूप में अपनी स्थिति को फिर से स्थापित किया।
 
इस जोड़ी ने पेरिस में विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता, हांगकांग ओपन और चीन मास्टर्स के फाइनल में जगह बनाई और बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स के नॉकआउट चरण में पहुंचने वाली पहली भारतीय पुरुष युगल जोड़ी बनकर साल का सकारात्मक अंत किया।
 
किदाम्बी श्रीकांत ने इस सत्र में वापसी की झलक दिखाई लेकिन वह कोई ट्रॉफी नहीं जीत पाए। मलेशिया मास्टर्स और सैयद मोदी इंटरनेशनल में उपविजेता रहकर उन्होंने पुराने दिनों की याद दिलाई लेकिन लंबे समय से चले आ रहे खिताब के सूखे को खत्म नहीं कर सके।
 
सैयद मोदी इंटरनेशनल टूर्नामेंट में गायत्री गोपीचंद और त्रीसा जॉली ने महिला युगल खिताब का सफलतापूर्वक बचाव किया।
 
भारतीय बैडमिंटन में वर्ष 2025 में सबसे उत्साहजनक संकेत युवा पीढ़ी से मिले। 20 वर्षीय आयुष शेट्टी ने अमेरकी ओपन सुपर 300 जीता और बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर प्रतियोगिताओं में लगातार अपनी जीवंत उपस्थिति दर्ज कराई।
 
उन्होंने जापान के कोदाई नाराओका, पूर्व विश्व चैंपियन लोह कीन यू, चीनी ताइपे के चाउ टिएन चेन और कनाडा के ब्रायन यांग पर भी उल्लेखनीय जीत दर्ज की, जिससे उनकी शानदार प्रगति का पता चलता है।
 
सोलह वर्षीय तन्वी शर्मा ने विश्व जूनियर चैंपियनशिप में लड़कियों के एकल वर्ग में रजत पदक जीतकर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा। उन्होंने अमेरिकी ओपन के फाइनल में भी जगह बनाई थी तथा सैयद मोदी इंटरनेशनल में पूर्व विश्व नंबर एक खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को हराकर इस सत्र की सबसे शानदार जीत में से एक हासिल की। तन्वी ने गुवाहाटी मास्टर्स में उपविजेता रहकर वर्ष का समापन किया।
 
उन्नति हुडा ने विश्व जूनियर टीम चैंपियनशिप में भारत को कांस्य पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह ओडिशा मास्टर्स सुपर 100 का खिताब जीतकर विश्व रैंकिंग में 23वें स्थान पर पहुंच गईं। चीन मास्टर्स में पीवी सिंधू पर उनकी जीत ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
 
गुवाहाटी मास्टर्स में संस्कार सारस्वत ने अपना पहला सुपर 100 खिताब जीता।