भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना की अकारण गोलीबारी का प्रभावी ढंग से दिया जवाब

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 01-05-2025
Indian Army effectively responded to the unprovoked firing by Pakistani Army
Indian Army effectively responded to the unprovoked firing by Pakistani Army

 

जम्मू (जम्मू और कश्मीर)

भारतीय सेना ने 30 अप्रैल और 1 मई की रात को नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा जिले, उरी और अखनूर सेक्टरों में पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई अकारण छोटे हथियारों से गोलीबारी का प्रभावी ढंग से जवाब दिया है, अधिकारियों ने जानकारी दी.

भारतीय सेना के अनुसार, भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना की अकारण गोलीबारी का तुरंत और प्रभावी तरीके से जवाब दिया. यह प्रतिक्रिया 25-26 अप्रैल की रात के बाद से लगातार सातवें दिन दर्ज की गई है, जब पाकिस्तानी सेना ने छोटे हथियारों से अकारण गोलीबारी की थी.

इससे पहले, भारतीय सेना ने जम्मू क्षेत्र के नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों में भी इसी तरह की पाकिस्तानी गोलीबारी का प्रभावी जवाब दिया था. इसके अलावा, बारामुल्ला और कुपवाड़ा जिलों में भी उत्तर में संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं पाई गईं, साथ ही परगवाल सेक्टर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पार भी इसी तरह की घटनाएं हुईं..

इस बीच, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने जानकारी दी कि भारत ने 1 मई को पाकिस्तान में पंजीकृत सभी विमानों और पाकिस्तानी एयरलाइनों द्वारा संचालित विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया. यह कदम जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे.

भारत ने एक नोटिस (NOTAM) जारी किया, जिसमें 30 अप्रैल से 23 मई तक (अनुमानित अवधि) सभी पाकिस्तान-पंजीकृत, संचालित या पट्टे पर दिए गए विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की पुष्टि की गई है. अब भारत और पाकिस्तान दोनों ने एक-दूसरे की एयरलाइनों को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से रोक दिया है.

पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज कर दिया है, और सरकार ने सशस्त्र बलों को पूरी तरह से परिचालन स्वतंत्रता प्रदान की है.

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को स्थगित करना और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद करना शामिल है. इसके अलावा, भारत ने अपने उच्चायोगों की संख्या में भी कटौती करने का फैसला किया है.