नई दिल्ली
भारत सरकार ने गुरुवार को कहा कि वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी तनावपूर्ण स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। यह बयान ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष ने क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी बताया कि काबुल में भारत का वर्तमान 'टेक्निकल मिशन' जल्द ही पूर्ण रूप से दूतावास में परिवर्तित कर दिया जाएगा।
पिछले सप्ताह काबुल पर पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच सैन्य झड़पें शुरू हो गई थीं। अफगानिस्तान ने इस हमले का जवाबी हमला करते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिससे हालात और अधिक बिगड़ गए। हालांकि बुधवार को दोनों देशों ने अस्थायी संघर्षविराम पर सहमति जताई है।
रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए तीन मुख्य बातें कहीं:
-
"पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवादी संगठनों को पनाह और समर्थन देता है।"
-
"अपनी आंतरिक असफलताओं के लिए पाकिस्तान अक्सर पड़ोसी देशों को दोष देता है।"
-
"पाकिस्तान इस बात से खफा है कि अफगानिस्तान अपने क्षेत्र में संप्रभु अधिकारों का प्रयोग कर रहा है।"
भारत द्वारा काबुल में अपने मिशन को दूतावास का दर्जा देने की प्रक्रिया की पुष्टि करते हुए जायसवाल ने कहा,"जून 2022 से काबुल में हमारा टेक्निकल मिशन कार्यरत है। आने वाले कुछ दिनों में इसे दूतावास के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।"
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के बीच हुई विस्तृत वार्ता के बाद इस निर्णय की घोषणा की गई थी।भारत की यह सक्रिय कूटनीतिक पहल अफगानिस्तान के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।