भारत, कनाडा ने व्यापार समझौते पर बातचीत की रूपरेखा, तौर-तरीकों पर चर्चा की

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  onikamaheshwari | Date 04-12-2025
India, Canada discuss framework, modalities for negotiating trade deal
India, Canada discuss framework, modalities for negotiating trade deal

 

नई दिल्ली
 
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कनाडा के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मनिंदर सिद्धू ने बुधवार को प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की रूपरेखा, उद्देश्यों और तौर-तरीकों पर चर्चा की।
 
दोनों पक्ष हाल ही में इस समझौते पर बातचीत फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं, जिसे आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) कहा जाता है। इसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक बढ़ाना है।
 
गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘कनाडा के साथ व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए मंत्री सिद्धू के साथ सार्थक बातचीत हुई। हमने सीईपीए वार्ता शुरू करने की तैयारियों के तहत समग्र दृष्टिकोण, रूपरेखा, व्यापक उद्देश्यों और तौर-तरीकों पर शुरुआती और व्यापक चर्चा की।
 
उन्होंने अगले साल कनाडा में एक उच्च स्तरीय व्यापार और निवेश प्रतिनिधियों का नेतृत्व करने पर भी सहमति जतायी।
 
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 में, कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया था। उसके बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आई थी। उसके बाद कनाडा ने भारत के साथ समझौते पर बातचीत रोक दी थी।
 
सीईपीए एक प्रकार का मुक्त व्यापार समझौता है जिसके तहत दो देश अपने बीच व्यापार की जाने वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को या तो काफी कम कर देते हैं या समाप्त कर देते हैं। ये समझौता कुशल पेशेवरों की तात्कालिक के रिफंड को भी आसान बनाते हैं और निवेश आकर्षित करते हैं।
 
इससे पहले, प्रस्तावित समझौते पर दोनों देशों के बीच छह से ज्यादा दौर की बातचीत हो चुकी थी।
 
कनाडा को भारत का निर्यात 2024-25 में 9.8 प्रतिशत बढ़कर 4.22 अरब डॉलर रहा जो 2023-24 में 3.84 अरब डॉलर था।
 
हालांकि, पिछले वित्त वर्ष में आयात 2.33 प्रतिशत बढ़कर 4.44 अरब डॉलर रहा, जो 2023-24 में 4.55 अरब डॉलर था।
 
भारत और कनाडा के बीच वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार 2023 में 18.38 अरब डॉलर का था।