नई दिल्ली।
भारत और डेनमार्क ने स्वास्थ्य, खाद्य, कृषि और हरित विकास के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई है। गुरुवार को भारत की स्वास्थ्य सचिव पुन्या सालिला श्रीवास्तव ने भारत में डेनमार्क के राजदूत रस्मुस आबिलगार्ड क्रिस्टेनसन के नेतृत्व वाले डेनिश प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा की गई जानकारी के अनुसार, बैठक में दोनों पक्षों ने मौजूदा साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और भविष्य के सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की। मंत्रालय ने बताया कि वार्ता के दौरान दोनों देशों ने ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने और लचीली, टिकाऊ और भविष्य-सिद्ध प्रणालियाँ तैयार करने की साझा दृष्टि पर जोर दिया।
मंत्रालय ने अपने पोस्ट में कहा,“स्वास्थ्य सचिव पुन्या सालिला श्रीवास्तव ने डेनमार्क के राजदूत रस्मुस आबिलगार्ड क्रिस्टेनसन के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर स्वास्थ्य, खाद्य और कृषि क्षेत्र में सहयोग को सुदृढ़ करने तथा ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। बातचीत में दोनों देशों की लाभकारी और टिकाऊ प्रणालियाँ विकसित करने की साझा प्रतिबद्धता उजागर हुई।”
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और डेनमार्क ने सितंबर 2020 में अपने संबंधों को ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के रूप में उन्नत किया था। यह साझेदारी वर्ष 2009 में हस्ताक्षरित ज्वाइंट कमीशन फॉर कोऑपरेशन समझौते पर आधारित है।
यह व्यापक साझेदारी राजनीति, अर्थव्यवस्था, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, ऊर्जा, शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों को कवर करती है।
इसके साथ ही यह नवीकरणीय ऊर्जा, शहरी विकास, पर्यावरण, कृषि एवं पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण, विज्ञान एवं नवाचार, शिपिंग, श्रम गतिशीलता और डिजिटलीकरण से जुड़े कार्यसमूहों के सहयोग को भी मजबूत करती है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप दोनों देशों के बीच हरित विकास, रोजगार सृजन और वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग को प्रोत्साहित करती है, साथ ही पेरिस समझौते और संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को महत्वाकांक्षी ढंग से लागू करने में भी मदद करती है।