गांधीनगर (गुजरात)
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार राज्य के नागरिकों को समावेशी और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना को राज्य की मुख्यमंत्री अमृतम योजना के साथ एकीकृत किया गया है। इसके तहत एबी पीएमजेएवाई–एमए योजना के माध्यम से गुजरात में 1.20 करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया गया है।
राज्य सरकार के अनुसार, जुलाई 2023 में इस योजना के तहत प्रति परिवार वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवर को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि के अनुरूप आयुष्मान कार्ड के जरिए गरीब और मध्यम वर्ग को व्यापक स्वास्थ्य सुरक्षा मिली है। गुजरात ने “योग से आयुष्मान” तक की पहल कर स्वस्थ समाज की दिशा में कदम बढ़ाया है।
आंकड़ों के मुताबिक, जब बीमा कवर 5 लाख रुपये था, तब 2021–22 में प्रति परिवार प्रीमियम 2,177 रुपये रहा और कुल व्यय 1,681 करोड़ रुपये हुआ। 2022–23 में प्रीमियम 1,492 रुपये और व्यय 1,363 करोड़ रुपये रहा। कवर बढ़ाकर 10 लाख रुपये किए जाने के बाद प्रीमियम 3,708 रुपये हुआ और 2023–24 में व्यय 2,676 करोड़ रुपये, जबकि 2024–25 में 3,210 करोड़ रुपये रहा।
योजना के तहत राज्यभर में 2,090 अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जिनमें 1,132 सरकारी और 958 निजी अस्पताल शामिल हैं। नवंबर 2025 तक 2,299 चिकित्सा प्रक्रियाएं कवर की जा चुकी हैं। दावों के भुगतान में गुजरात देश में अग्रणी राज्यों में शामिल है।
मई 2025 में शुरू की गई गुजरात कर्मयोगी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत राज्य कर्मचारियों, पेंशनरों और उनके आश्रितों को भी कैशलेस उपचार का लाभ दिया जा रहा है। इस श्रेणी में लगभग 6.40 लाख लाभार्थी शामिल हैं।
अहमदाबाद निवासी फारूक खिमानी (66) जैसे लाभार्थियों ने बताया कि पीएमजेएवाई–एमए की मदद से उन्हें हृदय रोग का सफल उपचार मिला, जिससे उनकी सेहत में उल्लेखनीय सुधार हुआ। उन्होंने योजना के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार जताया।






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