कोविड में मुस्तैदी से मोर्चा संभाले है इमारत-ए-शरिया

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 02-05-2021
इमारत-ए-शरिया बंद है, मगर कामकाज जारी है
इमारत-ए-शरिया बंद है, मगर कामकाज जारी है

 

सेराज अनवर / पटना

इस बार इमारत-ए-शरिया में रमजान जैसी रौनक नहीं है. मुख्य द्वार बंद है. एक छोटा सा गेट आधा खुला है, दाखिल होते ही वहां तैनात दरबान पूछता है, किससे मिलना है. परिसर के अंदर दफ्तर का गेट भी बंद है. बहुत जरूरी होने पर पीछे से प्रवेश की इजाजत है. इमारत के मुख्य द्वार पर ही ऐलान चस्पा है- ‘बिला जरूरत दफ्तर न आयें’. कोरोना के कारण चंद स्टाफ को छोड़ बाकी सब छुट्टी पर हैं. ढाई सौ स्टाफ वाला इमारत अभी एक-दो दर्जन स्टाफ से काम चला रहा है.

फुलवारी शरीफ स्थित इमारत-ए-शरिया बिहार-झारखंड-ओड़िसा के मुसलमानों की सामाजिक-धार्मिक और अर्द्ध सियासी संस्था है. पिछले महीने अमीर-ए-शरीयत मौलाना वली रहमानी के इंतकाल से इमारत अभी उबर नहीं पाया है. उस पर कोरोना की मार.

चुनाव ईद बाद

अमीर-ए-शरीयत का चुनाव ईद बाद होना है. इसके लिए 26 लोगों की अर्जी आयी हुई है. तीन लोगों का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है, जिसमें पहले नंबर पर दिवंगत अमीर-ए-शरीयत वली रहमानी के बड़े बेटे अहमद फैसल रहमानी, पूर्व नाजिम मौलाना अनीस उर रहमान कासमी और मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी की चर्चा जोरों पर है.

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव वली रहमानी के निधन के बाद इस पद पर खालिद सैफ उल्लाह रहमानी को कार्यकारी महासचिव नियुक्त किया गया है, जबकि फैसल रहमानी खानकाह रहमानी मुंगेर के सज्जादानशीं बनाये गये हैं. मौलाना अनीस उर रहमानी ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष हैं. इमारत के नाजिम पद से उन्होंने खुद इस्तीफा दे दिया था.

एहतिया से काम जारी

बहरहाल, संकटों से जूझ रही इमारत अपनी जवाबदेही को बखूबी निभाने में जुटी है. स्टाफ को बाजाब्ता सैलरी पे की जा रही है. इमारत के मातहत सौ के करीब मदरसा और मकतब हैं. सभी के स्टाफ का ख्याल रखा जा रहा है. इमारत बारह सौ विधवा को वजीफा भी देती है, वह भी जारी है.

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इमारत-ए-शरिया में जरूरी लोगों की हो रही आमद-रफत

दीगर बात है कि कोविड के प्रभाव के कारण इस बार इमारत से चंदा के लिए टीम नहीं निकल पायी है, जिससे कुछ दिक्कतें हैं. आम रमजान की तरह चंदा नहीं आ रहा है. बावजूद इसके इमारत की तरफ से गुरबत में जीवन-यापन करने वाले लोगों का ख्याल रखा जा रहा है.

कार्यकारी नाजिम मौलाना शिब्ली अल कासमी मुस्तैदी से मोर्चा सम्भाले हुए हैं. सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक अपने चैंबर में डटे मिल जाते हैं. इक्का-दुक्का लोग इमारत पधार रहे हैं. उन्हें सबसे पहले सेनेटाइज किया जा रहा है. फिर इलाके के हालात के साथ एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है.

अश्कबार आंखों से शिब्ली बताते हैं कि अमीर-ए-शरीयत की महरूमी इमारत को बुरी तरह खल रही है, उनकी बातें कुछ और थीं.

डॉक्टरों और अस्पतालों की सूची जारी

कोविड को लेकर इमारत पूरी तरह चौकन्ना है. सोशल मीडिया और दूसरे संसाधन से कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इमारत ने कोविड के इलाज, अस्पताल और डॉक्टरों की जानकारी के लिए आपातकाल नंबर जारी किया है, जिसमें सरकारी अस्पताल,सरकारी हेल्पलाइन नम्बर दिया गया है.इसमें इमारत-ए’-शरिया के अंदर कार्यरत मौलाना सज्जाद मेमोरियल अस्पताल के सभी डॉक्टरों का नाम भी समय सारणी के साथ शामिल हैं. यह अस्पताल फुलवारी शरीफ के लोगों के लिए दर्दनिवारक है. यहां सभी तरह के इलाज हो रहे हैं. इमारत ने निजी और सरकारी पचास अस्पताल और डॉक्टरों की लिस्ट जारी की है. इसमें ऑक्सिजन सलाई सेंटर, एम्बुलेंस सेवा के साथ रेमिडिसीवर सप्लाईर, आरटी-पीसीआर टेस्ट सेंटर का नाम भी शामिल हैं. खुद इमारत-ए-शरिया ने 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा शुरू की है. ऑक्सिजन सीलेंडर की भी व्यवस्था की गयी है.

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कार्यकारी नाजिम मौलाना शिब्ली अल कासमी 


शिब्ली ने आवाज-द वॉयस को बताया कि मुल्क के दूसरे राज्यों की तरह बिहार में भी कोरोना का वॉयरस तेजी से फैल रहा है. सरकार ने जो गाइडलाइन जारी की हैं, उस पर अमल करना जरूरी है. इमारत का काम जारी रहे उतने लोगों को छोड़कर बाकी स्टाफ को छुट्टी दी गयी है. उनका ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है.

उन्होंने बताया कि इमारत रमजान में गरीबों का खास ख्याल रखती है. ईद पर कपड़े, सेंवई, लच्छा और दूसरी जरूरतों के लिए नगद और डाक से पैसे भेजे जा रहे हैं. झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के लिए रमजान और ईद किट तैयार की जा रही हैं. इमारत-ए-शरिया गरीबों, जरूरतमंदों को अमीर-ए-शरीयत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी का साया उठ जाने का अहसास नहीं होने देना चाहती.