ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा अंतरिक्ष में राष्ट्रीयता नहीं, मानवता मायने रखती है

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 10-10-2025
Group Captain Shubhanshu Shukla said that in space, it is not nationality but humanity that matters.
Group Captain Shubhanshu Shukla said that in space, it is not nationality but humanity that matters.

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने हैं, ने कहा कि अंतरिक्ष में पहुंचने के बाद व्यक्ति की पहचान उसकी राष्ट्रीयता से नहीं, बल्कि पूरी मानवता से होती है।
 
गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों को संबोधित करते हुए शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखने का अनुभव ऐसा था जैसे किसी ऐसे दफ्तर में बैठे हों जहां से दुनिया का सबसे खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है। उन्होंने कहा, “जब आप पृथ्वी छोड़ते हैं, तो महसूस होता है कि अब पूरी धरती ही आपका घर है। आप किसी देश, महाद्वीप या शहर को नहीं देखते, बस पूरी पृथ्वी को देखते हैं और कहते हैं — यही मेरा घर है।”
 
उन्होंने यह बातें ‘Igniting Minds, Exploring Frontiers: The Convergence of Space, Education, and Industry’ नामक सत्र में कहीं, जहां वे काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) से संबद्ध स्कूलों के छात्रों से वर्चुअल बातचीत कर रहे थे।
 
शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष में राष्ट्रीयता जैसी कोई चीज़ नहीं रह जाती — “वहां केवल मानवता होती है।” उन्होंने भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की ऐतिहासिक पंक्ति “सारे जहाँ से अच्छा” का ज़िक्र करते हुए कहा, “अब मैं उनके उस भाव को पूरी तरह समझ सकता हूं, जो उन्हें यह कहने पर मजबूर कर गया था।”
 
उन्होंने कहा, “जब आप अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखते हैं, तो यह एहसास होता है कि हम कितने छोटे और नगण्य हैं। चाहे आप कितने भी बड़े पद पर क्यों न हों, अंतरिक्ष से देखने पर सब समान लगते हैं।”
 
शुक्ला ने यह भी बताया कि जब उन्होंने पहली बार ऊपर से भारत को देखा, तो वह पल बेहद भावनात्मक था। उन्होंने कहा कि “उस क्षण मुझे गर्व, अपनापन और शांति तीनों एक साथ महसूस हुए।”
 
अंतरिक्ष से लौटने के बाद शुक्ला का यह संदेश दुनिया के लिए गूंजता है — “पृथ्वी हमारी पहचान नहीं, हमारी जिम्मेदारी है।”