आवाज द वॉयस/ नई दिल्ली
कोयला मंत्रालय ने कोयला एवं लिग्नाइट ब्लॉक से संबंधित अन्वेषण कार्यक्रमों व भूवैज्ञानिक रिपोर्ट के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाया है।
इस कदम का मकसद कारोबार सुगमता को बढ़ाना और कुशल एवं टिकाऊ अन्वेषण को बढ़ावा देना है।
नई प्रक्रिया में अब 2022 में इस उद्देश्य के लिए गठित सरकारी समिति से मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘‘ कोयला मंत्रालय ने पहले की कार्यप्रणाली की समीक्षा की है। क्यूसीआई-एनएबीईटी द्वारा मान्यता प्राप्त एवं अन्य एपीए द्वारा समकक्ष समीक्षा प्राप्त अधिसूचित मान्यता प्राप्त अन्वेषण एजेंसियों (एपीए) द्वारा तैयार कोयला एवं लिग्नाइट ब्लॉक के लिए अन्वेषण कार्यक्रमों व भूवैज्ञानिक रिपोर्ट (जीआर) के अनुमोदन के लिए तंत्र को सरल बनाया है।’’
देश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए कोयला एवं लिग्नाइट संसाधनों का तेज, अधिक कुशल और प्रौद्योगिकी रूप से मजबूत अन्वेषण आवश्यक है।