नयी दिल्ली
सरकार ने मवेशियों के चारे के तौर पर इस्तेमाल होने वाली तेल रहित चावल भूसी (डीओआरबी) पर निर्यात प्रतिबंध हटाने की शुक्रवार को घोषणा की।
खाद्य तेल उद्योग निकाय एसईए ने सरकार से घरेलू प्रसंस्करणकर्ताओं की सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया था।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा, ‘‘ तेल रहित चावल भूसी की निर्यात नीति को तत्काल प्रभाव से ‘प्रतिबंधित’ से ‘मुक्त’ में संशोधित किया जाता है।’’
यह प्रतिबंद पिछले वर्ष लगाया गया था।
डीजीएफटी ने एक अलग अधिसूचना में कहा कि दुग्ध उत्पाद, प्याज, आलू, कुछ सब्जियां, चावल तथा गेहूं जैसी कृषि वस्तुओं के भूटान को निर्यात को तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक लागू प्रतिबंधों एवं निषेधों से छूट दी गई है।
ये छूट अन्य वस्तुओं चाय, सोयाबीन तेल, मूंगफली तेल, ताड़ का तेल, पशु, वनस्पति वसा और तेल, गन्ना या चुकंदर चीनी और नमक पर भी लागू हैं।
एक अन्य अधिसूचना में डीजीएफटी ने कहा कि धारवाड़ विश्वविद्यालय से इंडोनेशिया को 100 टन गेहूं बीज (डीडब्ल्यूआर-162) का निर्यात राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से मंगलौर समुद्री बंदरगाह के जरिये एक बार की छूट के रूप में करने की अनुमति दी गई है।
यह निर्णय हालांकि धारवाड़ विश्वविद्यालय या कर्नाटक सरकार के कृषि विभाग द्वारा प्रमाणन के अधीन है।
गेहूं जैसी वस्तुओं पर वर्तमान में निर्यात प्रतिबंध या निषेध लागू है।